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विधि
लघुविद्यानुवाद
विशेषार्थ
पद्मावती देवी स्तोत्र सम्बन्धि यंत्र मंत्र साधन का विवरण -
(१) श्री कार मे, देवदत्त, लिखकर सोलह दल वाले कमल की रचना करे श्री कार के उपर फिर उस सोलह दल वाले कमल म, प्रत्येक दल मे, लक्ष्मी बीज की स्थापना करे । लक्ष्मी बीज याने (श्री) लिखे । यह यत्र रचना हुई । देखिये इस स्तोत्र के प्रथम काव्य की
यन्त्र न० १
- इस यत्र को सुगधित पीले रंग के द्रव्य से लिखकर निरतर सामने रखकर यत्र का ध्यान करने से सौभाग्य की वृद्धि होती है । गोरोचन, कस्तुरी से यत्र भोज पत्र पर बनावे ।
नमः
(२) दुसरे प्रकार से -- प्रथम ऐ कार लिखे, ऐ कार मे देवदत्त लिखे फिर उस ऐ कार के ऊपर षडकोणाकार रेखा खीचे । षडकोरण के प्रत्येक दल मे क्ली लिखे । फिर बाहर फिर हो लिखे, कोरणो मे ॐ क्ली ब्लू द्वाद्री द्र लिखकर माया बीज याने ही कार से तीन घेरा लगावे | देखिये चित्र न० २
पद्म. स्त्रो. विधि नं. १ यंत्र नं. २
द्रा
देवदत
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४०७
ॐ ऐं ह्रीं हौं
कवित्व प्राप्ति सरस्वति यंत्र
पद्मा