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लघुविद्यानुवाद
(६) ६० हजार-अष्टगन्ध स्याही व चादी की कलम से लिखे तो खोई अचल सम्पत्ति वापस
प्राप्त हो। (७) ७० हजार --- प्रष्टगन्ध स्याही व चमेली की कलम से लिखे तो द्रव्य प्राप्त हो । (८) ६० हजार-अष्टगन्ध स्याही व चमेली की कलम व ग्राम, केला, वटवृक्ष के पत्त पर लिखे
तो महान् बने । (6) ६ लाख-अष्टगन्ध स्याही व चादी की कलम से लिखे तो भगवान की कृपा हो, सर्व कार्य
सिद्धि हो।
इन यन्त्रो के अक भरने की अलग-अलग विधि है उसका फल भी अलग-अलग है जो निम्नलिखित है(१) १ से 6 तक के अक भरे, तो देव दर्शन हो, १ लिखे तो वशीकरण हो। (२) २ के अक से शुरू कर ६ तक लिखे, फिर १ लिखे तो वशीकरण हो । (३) ३ से लेकर ६ तक लिखे, फिर १-२ लिखे तो भूमि प्राप्त हो । व्यापार वृद्धि हो । (४) ४ से ६ तक लिखे, फिर १-२-३ लिखे, तो द्रव्य प्राप्त हो, देव दोप दूर हो। (५) ५ से लेकर ६ तक लिखे, फिर १-२-३-४ लिखे, तो यह अशुभ है। अत इसे न
लिखे। (६) ६ से लेकर ६ तक लिखे १-२-३ ४ ५ लिखे तो कन्या प्राप्त हो । उस पर कोई मारण
का प्रयोग नहीं कर सकेगा।
७ से लेकर ह तक लिखे, फिर १ से ६ तक लिखे, तो मोह न हो, अनेक लोग वश हो । (८) ८ से लेकर ६ तक लिखे, फिर १ से ८ तक लिखे तो शत्रु के उच्चाटन हो, अशुभ चितन
करने वाला विपत्ति मे पडे । (६) ६ से प्रारम्भ करे, फिर १ से ८ तक के अ क लिखे, तो सर्व कार्य सिद्ध हो।
पन्द्रहिया यन्त्र कल्प यह अति प्रसिद्ध व प्रभावशाली यन्त्र है। यह यन्त्र एक से लेकर नौ के अ क तक, नौ कोठो मे ही भरा जाता है । इसको जिधर से भी गिना जावे, योगफल १५ ही आयेगा। यह पन्द्रहिया यन्त्र मुख्यतया चार प्रकार का बनता है। इसकी अलग-अलग वर्ण व सज्ञा होती है।