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लघुविद्यानुवाद
इस यत्र का एक विधान और भी है । वह हमारे संग्रह मे नही है । परन्तु विधान यह है कि दीवाली की मध्य रात्रि मे लिखकर उसके सामने एक पहर तक का यत्र का ध्यान करे । और फिर वन खड में या बाग मे अथवा जलाशय के किनारे बैठकर यत्र के सामने एक पहर तक यत्र का ध्यान करे। जिससे यन्त्र सिद्ध हो जायगा क्रिया करते समय लोभान का धूप बनाकर रखना चाहिये तो यन्त्र सिद्ध हो जायगा और भी इन दोनो यन्त्र के कई चमत्कार है। श्रद्धा रखकर इष्ट देव का स्मरण करते रहना चाहिये जिससे कार्य सिद्ध होगा ।।४६।।
यन्त्र न०४७
६२ | १६
३७ । ५५
। २४ । ४२ । ६०
८० । १७ । २८ ।
३३ । ७८ । १५
३
| ४८ । ६८ । ५
। ५० । ७० ।
७ । ५२ ।
| ३६ । ५७ / २३ | ४१
२५ । ४३ । ६१
३० । ७५ । १२ । ३२ | ७७ | १४ | ३४ | ७६ / १६
६७ ।
४ । ४६ । ७२ |
१ | ५४ | ६५ /
२
४७
४० । ५८ । २७ ।
६३ । २०
M
|
२३ । ७४ । ११
mr
२६ ।