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लघुविद्यानुवाद
मकान मे बराबर निकलता हो अथवा घर नही छोडता हो तो अस्सीया यन्त्र सिन्दूर से मकान की दीवार पर लिख कर और जहा तक हो ऐसी जगह लिखना चाहिये कि जहा सर्प की दृष्टि यन्त्र पर गिर जाय अथवा कासी की थाली मे लिखा हुआ तैयार रखे सो जव सर्प निकले जब उसे थाली बता देवे सो सर्प का भय मिट जायेगा । और उपदव नही करेगा । विधान तो बताता है कि सर्प उस मकान को छोडकर ही चला जायगा । किन्तु समय का फेर हो तो इतना फल नही देता है तो भी उपद्रव भय तो नही रहेगा। ऐसा समय घर मे सर्प हर नाम की औषधि जो काश्मीर जिले मे बहुतायत से मिलती है मगवा कर घर में रखने से सर्प तत्काल निकल जायेगा। लेकिन सप को मारने की बुद्धि नहीं रखना चाहिये । सर्प को सताने से वह क्रोध कर के काटता है वह समझता है मुझे मारते है और सताया न जाय तो वह अपने आप चला जाता है ॥३२॥
भूत प्रेत हर पिच्चासिया यन्त्र ॥३३॥ अक्सर (प्राय. ) जब मकान मे कोई नही रहता हो और बहुत समय तक बेकार सा पडा होतो ऐसे मकान में भूत प्रेत अपना स्थान बना लेते है और भूत प्रेत नही भी बसते हो और मकान मे रहने लगे उसके बाद कुछ अनिष्ट हो जाय तो उस मकान मे परिवार
यन्त्र न ३३
के लिये बहम सा हो जाता है और मकान को खाली कर देते है। लोकवाणी फैल जाती हैं और ऐसे मकान मे कोई बिना किराये भी रहने को तैयार नही होता है। ऐसी अवस्था