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लघुविद्यानुवाद
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कर पास मे रखने से व्यापारी वर्ग मे आगे वान की गिनती मे आ जाता है। हर एक कार्य मे लोग सलाह पूछने आयेगे । परन्तु साथ ही कुछ योग्यता, बुद्धिमान, धैर्यता और निष्पक्षता भी होना चाहिए । सस्कार न हो और मिलन सार भा न हो तो यन्त्र से साधारण फल मिलेगा और परोपकारी स्वभाव होगा तो विशेष फल मिलेगा ॥२४॥
धन प्राप्ति छत्तीसा यन्त्र ॥२५॥ इस छत्तीसे यन्त्र को दीवाली के दिन रात्रि मे लिखना चाहिये। शुभ मे दुकान के अन्दर सामने दरवाजे या मगल स्थापना के दाहिनी ओर अथवा दुकान के अन्दर सामने की
यन्त्र न.२५
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दीवार पर सिन्दूर से लिखे तो व्यापार बढता है । व्यापार करते समय किसी प्रकार का भय, सकट पाता हो तो मिट जायगा, प्रभाव बढेगा और इस यन्त्र को भोज पत्र पर लिख कर पास में रखना भी शुभ सूचक है ॥२५॥
सम्पत्ति प्रदान चालीसा यन्त्र ॥२६॥ ___ चालीस यत्र दो प्रकार का है। दोनो उत्तम है जो सामने है इन यत्र को किसी भी महिने की सुदी पक्ष की एकादशी के दिन अथवा पूर्णिमा के दिन पंच गघ से लिखना चाहिये पत्र गध (१) केशर (२) कस्तूरी (३) कर्पूर (४) चन्दन (५) गोरोचन इन पांचों को मिश्रित कर उत्तम गध बनाकर स्वच्छ भोजपथ पर लिखना चाहिये । यह यंत्र पास में हो तो चोर भय मिटता है और