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लघुविद्यानुवाद
यन्त्र न १२
बाध देवे वास्तव मे गले मे बाधना अच्छा रहता है। इसके प्रभाव से बालक बालिका के लिये भय, चमक, डर आदि उपद्रव नहीं होते और हर प्रकार से रक्षा होती है ॥१२॥
आपत्ति निवारण बीसा यन्त्र ॥१३॥ मनुष्य के लिये आपत्ति तो सामने खडी होती है। ससार प्राधि-व्याधि उपाधि की खान है । जब जब कष्ट आते है तब मित्र भी बैरी बन जाते है। ऐसे समय मे इस यन्त्र द्वारा शांति मिलती है। आपत्ति को आपत्ति मानता रहे और हताश होता रहे तो अस्थिरता बढती
यन्त्र न. १३
है। अत: इस यन्त्र को पच गध से चमेली की कलम से भोजपत्र या कागज पर लिख कर पास मे रखे और जिस मनुप्य के लिये यन्त्र बनाया हो उसका नाम यन्त्र में लिखे अमुक की आपत्ति