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के भाग मे लिखना चाहिए। इस यन्त्र को जब किसी मनुष्य को भय उत्पन्न हुआ हो और उसे वास्तविक भय के सिवाय बहम भी हो रहा हो तो उसके निवारण के लिए भोज पत्र पर प्रष्ट गध से लिखकर पास मे रखने से स्थिरता आयेगी, बहम दूर होगा । यत्र को दशाग धूप से खेना चाहिए ||४||
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प्रसूति पीडा हर यंत्र (पंदरिया यंत्र ) ||५||
प्रसूति को प्रसव के समय पीडा हो और शीघ्र छुटकारा न हो तो कुटुम्ब में चिता बढ जाती है । जब ऐसा समय आया हो तो इस यत्र को सिन्दूर से या चन्दन से अनार की कलम से
यन्त्र न. ५
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लघुविद्यानुवाद
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मिट्टी की कोरी ठीकरी जो मिट्टी के टूटे हुए बर्तन की हो। इसमे लिखकर लोबान से खेबकर प्रसूति वाली को बताने से प्रसव शीघ्र हो जायगा । प्रसूति स्त्री यत्र को एक दृष्टि से कुछ देर देखती रहे, और इतने पर से प्रसव शीघ्र नही होवे तो चदन से लिखे हुए यत्र को स्वच्छ पानी से उस ठीकरी पर के यत्र को घोकर वह पानी पिला देवे तो प्रसूति पीडा मिट जायगी ॥५॥
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मृत्यु कष्ट दूर पंदरिया यन्त्र ||६||
यह यत्र उन लोगों के काम का है जो जीवन की जोखिम का काम करते है । जल मे, स्थल मे, व्योम मे या वराल यत्र से आजीविका चलाते हो या ऐसा कठिन काम हो कि जिनके करते
यन्त्र न. ६
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