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लघुविद्यानुवाद
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शकुनदा पन्दरिया यन्त्र ॥१॥ पदरिया यन्त्र आपके सामने है इसमे एक से नौ प्रक तक की योजना है। इसलिए इसको सिद्ध चक्र यन्त्र भी कहते है। इस यन्त्र पर शकुन लिए जाते है। ताबे के पत्रे पर या कागज पर प्रष्ट गध से अच्छे समय मे यन्त्र लिख लिया जाय और जहा तक हो सके (आम) आबे के पाटिया का बना हुआ पाटला हो उस पर स्थापित करे। आबे का पाटिया न मिल सके तो जैसा भी मिले उस पर स्थापित कर धूप से निज हाथो को स्वच्छ कर नवकार मन्त्र नौ बार बोलकर तीन चावल या तीन गेहू के दाने लेकर ऊपर छोड देवे । जिस अक पर कण अर्थात् दाने गिरे उसका फल इस तरह समझ लेवे । चोके छक्के दोसे नही। शकुन वीचारी
यन्त्र न १
आवे, बीये अछे सात तिये बात सूनावे। रुके पजे नव निधि पावे ।। इस तरह फल का विचार कर कार्य की सिद्धि को समझ लेना ॥१॥
द्रव्य प्राप्ति पन्दरिया यन्त्र ॥२॥ . इस यत्र से बहुत से लोग इसलिए परिचित है कि दिवाली के दिन दुकान मे पूजन विधान मे लिखते है । जब कार्य की सिद्धी के लिए लिखना है तो सिन्दूर से लिखना चाहिए। पहले छोटे खाने
यन्त्र न.२