________________
१६४
लघुविद्यानुवाद
मन्त्र :--ॐ उच्चिष्ट चांडालिनी सुमुखी देवी महापिशाचिनी ही ठः ठः
स्वाहा। -बार १०८ दिन : पहले दिन जीमने बैठता ग्रास १ वार ३ जीमता बीच झूठे मुंह बार १०८ जपै। पानी ३ मन्त्र कर पीना फिर भोजन करे दिन ह जप कर पीछे से परवाने बैठा वार १०८ जाप करना पीछे 8 दिन ३ मसान ऊपर जाप करना प्रत्यक्षी
भवति । मन्त्र --ॐ रणमो गोमय स्वामी भगवऊ ऋद्धि समो, वृद्धि समो, अक्षीण समो, प्राण २
भरि २ पुरि २ कुरु २ ठः ठः स्वाहा । विधि :-मन्त्र प्रात काल नित्य जपे, शुचि होय लक्ष्मी प्राप्त होय । वार १०८, २१ सुपारी,
चावल मन्त्रित कर जिस वस्तु मे घाले सो अक्षय होय। यह मन्त्र पढ दीप धूप खेवे ।
भोजन वस्तु भन्डार मे होय । उज्ज्वल वस्त्र पहनकर शुद्ध आदमी भीतर जाय । मन्त्र -ॐ ह्रीं श्रीं क्ली महालक्ष्म्यै नमः। ॐ नमो भगवऊ गोमयस्स, सिद्धस्स,
बुद्धस्स अक्षोरगस्स भास्वरी ह्रीं नमः स्वाहा । विधि :-मन्त्र नित्य प्रात. काले शुचि भूत्वा दीप धूप विद्यानेन जपे, लक्ष्मी प्राप्त होय, लाभ
होय। मन्त्र :-ॐ ह्रीं पद्मनी स्वाहाः । विधि :-घर मध्ये सुन्दर स्थान केशर से एक हाथ लीपे, पद्मनी की पूजा करे।
जाप १०,००० गगल खेवे। दोप पूष्प नेवेद्य चढावे । अर्द्ध रात्रि मे करे। १,००० राज
ऐसे ही १ मास करे। देवी प्रसन्न होय । लक्ष्मी देवे । लाभ मन्त्रोऽयम् । मन्त्र :-ॐ कमल वासिनी कमल वासी महालक्ष्म्यै राज्य मे देव रक्षे स्वाहा । विधि .-त्रिकाल जाप कीजे मनोरथ सिद्धि लक्ष्मी प्राप्ति होय । मन्त्र --ॐ ह्रीं ऐ पद्म पद्मावती पद्म हस्ते राज मन्त्र क्षोभिनी शीघ्र मम वश्य
मानय २ हुं फट् स्वाहाः । विधि -राज द्वार जाय जाप करे बार २१ तथा १०८ राजा वश्य होय । मन्त्र :-ॐ मुखी, राजा मुखी, प्रजा वश्य मुखी, सर्व वश्यं कुरु कुरु पद्मावती क्ली
फट् स्वाहा।