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लघुविद्यानुवाद
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विधि :-लाल फूल से एक लक्ष इस मन्त्र का जाप करे तब मन्त्र सिद्ध होता है । जो बात पूछो भूस,
भविष्य, वर्तमान की सब कान मे कह देवे । मन्त्र :-ॐ खं खः अमुकं हन हन ठ ठ । मन्त्र :-ॐ खं दुखः अमुकं ठं ठः । मन्त्र :-ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रां ह्रीं हु ऊ दक्षिरण कालिके कां ह्रीं ह्र स्वाहा । विधि :-इस मन्त्र से मयूर की बिष्टा, कबूतर की विष्टा, मुरगा की विष्टा, धतूरे का बीज, ताल
मखाना इन पाचो चीजो को बरावर लेना, फिर मन्त्र का जप १ हजार करना और दश मास होम करना तब वह होम की भस्म लेके जिसके माथे पर मन्त्रित कर डाल दिया जाय वह हो जाता है। शरठो वृश्चिको भृ गोकर्करा च चतुष्टय, चत्वारः पक्काय तैले
तल्लेप कष्ट कारक। मन्त्र :-ॐ मर २ ठं ठः स्वाहा । विधि :-पूर्वा फाल्गुणी नक्षत्र मे राक्षस वैतालादि उपद्रव करे। मन्त्र :-ॐ नमः कामेश्वरीय गद २ मद उन्माद अमुकी ह्रीं ह्रः स्वाहा । मन्त्र :-ॐ ह्रीं की ऐ ह्रीं परमेश्वरी स्वाहा । विधि .- इस मन्त्र का एक लक्ष जाप करने से पुरुष वश मे होता है । मन्त्र :- ॐ प्रां ह्रीं क्रों एहि २ परमेश्वरी स्वाहा । विधि -लाल वस्त्र पहिनकर लक्ष जाप जपने से पुरुप वश मे होना है। मन्त्र :-ॐ क्षौ ही प्रां ह्रीं स्वाहा । विधि -लाल कपडे पहितकर काप मे कम लगाना. लाल रंग का फूल घर माना पहिनकर
एकात निर्जन वन मे १ लक्ष जप करे। मन्त्र :-ॐ हं अमुकं हन २ स्वाहा ।
नोट
-जिन मन्त्रो की विधि नहीं है, उनको विधि उपलर नहीं है।