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मन्त्र — ॐ जलयं जुल ठ ठ स्वाहा ।
मन्त्र - -ॐ मनु ॐ ठं ठः स्वाहा ।
विधि :- हस्त नक्षत्र मे जास्छि की कील चार ग्रगुल सात बार मन्त्रित करके कुम्हार के श्रावा मे ( बरतनो के भट्ट मे) डाल देवे तो सर्व बरतन फूट जाय ।
- ॐ मरे घर मुह मुह ठः ठः स्वाहा ।
मन्त्र
लघुविद्यानुवाद
मन्त्र :- ॐ मिली २ ठं ठः स्वाहा ।
विधि -- ज्येष्ठान नक्षत्र मे हिगोष्ट की लकड़ी एक अगुल की सात वार मन्त्रित करके जिस वैश्या के घर मे डाल देवे, तो वैश्या के घर मे अन्य पुरुष प्रवेश नही करेगा ।
मन्त्र -- ॐ नां नीं नुं ठं ठः स्वाहा ।
मन्त्र
- ॐ ह्रीं ह्रीं ठं ठः स्वाहा ।
मन्त्र :- ॐ जं जां जि जूं ठं ठः स्वाहा ।
अदृश्य अजन विधि – वैला द्राज्या ततो ग्राह्म वाराह वस सजुत । प्रिय पितर्यथा देवि कज्जल यस्तु कारयेत् । इस प्रकार अजन बनाकर आँख मे प्रजने से मनुष्य अदृश्य हो जाता है ।
मन्त्र :- ॐ ठठां ठि
हु ठं ठः ।
नोट
ठु ठू ठे ठै ठो ठौ ठं ठः प्रमुकं गृह २ पिशाच
जू जे जै जो जौ जं जः प्रमुकं ठं ठः ।
मन्त्र :- ॐ जं जां जि जी जु विधि - अनेन मन्त्रेण लोह कील केन राश नाशन मन्त्र ।
मन्त्र :- ॐ ह्रौं श्रमुकं फट् स्वाहा ।
कर्ण पिशाची देवी सिद्ध करण मन्त्र :- ॐ धेंठ स्वाहा ।
- जिन मन्त्रो की विधि नही है, उनकी विधि उपलब्ध नही है ।