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लघुविद्यानुवाद
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मन्त्र :-ॐ ह्रीं ह्र जं जां जि जी जुजू जै जै जो जौ जं जः अमुकं ठः ठः । विधि :-पीपल की लकडी पाच प्रगुल की हजार बार मन्त्रित करके अपने घर गाड देने से
वश होय। मन्त्र :-ॐ झं झां झि झी झु झू में झै झों झौ झं झः अमुकं ठः ठः । विधि :-समी की लकडी की कील ११ अगुल की इस मन्त्र से १००० वार मन्त्रित करके
जिसके घर मे गाड दी जाय उसके घर मे के सर्व भय राक्षस, भूत, प्रेतातिक कृतोपद्रव
शान्त हो। मन्त्र :-ॐ हूं क्षु झी अमुकं ठः ठः । मन्त्र -ॐ कुरु कुध्वो ह्रां स्वाहा । विधि :-सहस्त्रक जप्त्वा पूर्वस्यैव कर्तव्य मनास्मरे तु सर्वमाकर्षयति । मन्त्र -ॐ प्रचंड ह्री ह्रीं फट् ठं ठः । मन्त्र :-ॐ हूं क्षौ अमुकं फट् स्वाहा । मन्त्र -ॐ हूं क्षौ अमुकं फट् स्वाहा । मन्त्र -ॐ ह्रीं अमुकं ठं ठः । मन्त्र :-ॐ ह्री ह्रां ह्र. महाकाल कराल वदन गृह भिदि २ त्रिशुले न ठं ठः । मन्त्र :-ॐ ह्री हां अमुकं ठं ठ। विधि -इस मन्त्र सेतु । ) काण्ट की लकडी नव अगुल प्रमाण १ हजार बार मन्त्रित करके
जिसके नाम से घर मे गाडे तो वश्य होय । मन्त्र -मातं गिनी ही ह्रीं ह्रीं स्वाहा । विधि .-राई, नमक दोनो को घी के साथ होम करने से जिनके नाम से होम करे वह वश ने ही,
आकर्षित हो।
नोट
-जिन मन्त्रो की विधि नही है उनकी विधि हमारे पास उपनघनदी।