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________________ १५४ विधि - सर्व साधकोय मन्त्र । विधि लूतानां सर्वेषां वाताना सर्वेषां विस्फोटकानां सर्वेषां ज्वराणं सर्वेषां णां सर्वेषां पन्नगानां सर्वेषां ग्रहाणां सर्व रोग विनाशिनी सर्व विद्या छेदिनी सर्व मुद्रा छेदिनी अर्थकरी हितकरी यशः करी सर्व लोक वशंकरी हन २ दह २ पच २ मथ २ गृह २ छिंद २ शीघ्र २ प्रवेशय २ पार्श्व तीर्थंकराय ॐ नमो नमः हुं २ यः २ पार्श्व चंद्रो ज्ञापयति स्वाहा । मन्त्र :- ॐ णमो अरिहंताणं ॐ णमो सिद्धाणं ॐ रामो श्रायरियागं ॐ रामो उवज्झायाणं ॐ गमो लोए सव्वसाहूणं ॐ ऐसो पंचरणमोकारो ॐ सव्वपावपरासरण ॐ मंगलाणं च सव्वेसि पढमं हवइ मंगलं स्वाहा । लघुविद्यानुवाद नोट मन्त्र - इस मन्त्र के प्रभाव से सर्व कार्य सिद्ध होते हैं, और सर्व इच्छा सफल होती है । यह सर्व मन्त्रो का सार है । मन्त्र :- ॐ थभेउ जलं जलणं चितिय मित्तोय पंच नमक्कारो अरि मारि चोर राउल घोरु वस परणासेउमलसया स्वाहा मम समीहियथं पुरण कुरणइ । मन्त्र :--- ॐ नमो पंचालए पंचालए । विधि - इस विद्या का जो जीवन पर्यन्त स्मरण करता है, उसको जीवन पर्यन्त कभी सर्प नही सकता है | मन्त्र — ॐ गमो सिद्धाणं श्राउवंसि चाउवंसि श्रच्चग्रलं पच्चग्रलं स्वाहा । मन्त्र :- ॐ नमि ऊणपास विसहर वसह जिरग फुलिंग ही नमः । मन्त्र :- ॐ ह्रीं गह भूय जक्ख रक्ख सड़ाइणि चोरारि दुट्टराय मारि धरागय रोग जलणाइ सव्व भयाउ रक्खउ सिरिथं भरणयट्ठिऊ पासा स्वाहा । - ऊपर लिखे मन्त्रो की विधि नही है । — नदे भद्दे जए विजये अपराजिते स्वाहा ३ ॐ ह्री ह्र हौ नमो वर्द्धमान स्वामिने व्राव्रो ब्रु व्र स्वाहा ॐ ऐं ह्री नमो वर्द्धमान स्वामिनि महाविद्ये मम शान्ति कुरु कुरु तुष्टि कुरु कुरु पुष्टि करु २ हृष्टि कुरु २ जीव रक्षा च कुरु २ ह क्षू जभे मोहे
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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