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________________ लघुविद्यानुवाद १४१ मन्त्र .-ॐ ह. सर्व दुष्ट जनं वशी कुरु २ स्वाहा । विधि .-इस मन्त्र का भी १०८ बार स्मरण करने से वशीकरण होता है । मन्त्र :-ॐ ह्रीं श्रीं कूष्मांडि देवि मम सर्व शत्रु वशं कुरु २ स्वाहा । विधि -इस मन्त्र का १०८ बार स्मरण करे, वशीकरण होता है । मन्त्र :-ॐ ह्रीं कों ह्रीं ह्र. फट् स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से सुपारी मन्त्रित करके जिसको दिया जाय वह वशी होता है। मन्त्र .-ॐ नमो देवीए ॐ नमो भरगीय ठः ठः। विधि :-इस मन्त्र से काजल १०८ बार मन्त्रित करके ऑख मे आजने से सर्वजन वशी होता है। मन्त्र :-ॐ ह्रीं श्रीं सिद्ध बुद्ध माला अंबिके मम सर्वा सिद्धि देहि देहि ह्रो नमः । विधि :-पुत्र की इच्छा रखने वालो को नित्य ही १०८ बार स्मरण करना चाहिये। मन्त्र :--ॐ ह्रीं श्रीं क्ली ब्लूद्रां द्री द्रुद्रः द्रावय २ हुं फट् स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से तेल और चावल मन्त्रित कर देने से सुख पूर्वक प्रसव होता है। मन्त्र --ॐ शुक्रकामाय स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से कन्या कत्रित सूत को २१ बार मन्त्रित करे, फिर सात बार मन्त्र को पढकर उस सूत को कमर मे बाधे तो शुक्र का (वीर्य) स्तम्भन होता है। मन्त्र --ॐ नमो भगवउ गोयमस्स सिद्धस्स बुद्धस्स अक्खीण महारणसस्स अवतर अवतर स्वाहा । विधि .. इस मन्त्र से अक्षत ५०० बार मन्त्रित करके बिकने वाली चीजो पर डालने से क्रय-विक्रय मे लाभ होता है। मन्त्र :-सीता देलागउ घाउ फूकिउ भलउ होइ जाउ । विधि :-इस मन्त्र से तैल ७ बार मन्त्रित करके घाव पर लगाने से और २१ बार मन्त्र पढकर घाव ऊपर (पूक्का प्रदान विधियते) घाव भरने लगता है। मन्त्र :--सोवन कंचोलउ राजादुधु पियइ घाउ न अउघाइ भस्मांत होइ जाइ । विधि :-कुत्ते के काटने पर इस मन्त्र से भस्म मन्त्रित कर, लगाने से अच्छा होता है।
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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