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लघुविद्यानुवाद
विधि :-इस मन्त्र का स्मरण मात्र से वशीकरण होता है । मन्त्र :-काइ करे सिलोउरे खुदा महु चउसट्टि जोगिरिण केरीमुदा । विधि :- इस मन्त्र से अपने थूक को २१ बार मत्रित करके फिर उस थूक से तिलक करे तो राज
कुलादिक मे सर्वत्र जय होती है । मन्त्र :-ॐ ह्र३ ह्री ३ ह व वा वि वी वु व वे वै वो वौ वं वः । विधि -रात्रि को सोते समय व प्रात इस मन्त्र का एक एक श्वास मे चितन करे फिर जो मन में
चितन करे वह वश मे होता है। मन्त्र :--ॐ काली प्रावी काला कपड़ा काला पाभरण काला कनि ताडवन्न केशकरी
मोकला प्रावीचउ वाहए कहाथि प्रज्वलंती छारणो एक हाथी कुत्ता चाक हिग हिल्ली तहि नगहिल्ली जहिं अच्छइ मत्तविलासिरिण घरु फोड़ि पुरु मोड़ि घरु जालि धरु वालिदा घुता पुसो सु अंगिलाइ अमुकी मारइ
पाइ पाडि । विधि :-अनेन मत्रेण जल चलुक २१ अभिमन्त्र्य स्वप्न काले सुप्यते यावन्निद्रा नागच्छति तावन्न
वक्त व्यसा वशी भवति । मन्त्र --ॐ नमो रत्नत्रयाय नमो चार्या वलोकितेश्वराय बोधिसच्चाय महा सत्वाय
महा कारुणि काय चंद्रन सूर्य मति पूतेन महा महा पूरण सिद्ध पराक्रमे
स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से अपने स्वय के कपडे को २१ बार मन्त्रित करके उस कपड़े से गाठ लगाव
फिर क्रोधी के आगे जावे तो वह शात हो जाता है। धतूरे के फल को लेकर उसको पान के
साथ जिसको भी खिलावे तो वह वश मे हो जाता है। मन्त्र --ॐ ह्रीं श्री क्ली ब्लू अमुक अमुकी वा स्तंभय २ मोहग २ वश मानय
स्वाहा। विधि - इस मन्त्र से पुष्प अथवा फलादिक १०८ बार मन्त्रित करके जिसको वश करना हो
उसको दिया जाय तो वह वश मे हो जाता है । मन्त्र :-ॐ ह्री मम अमुकं वशी कुरु २ स्वाहा । विधि -इस मन्त्र का १०८ बार स्मरण करने से वश मे होता है।