SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 198
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लघुविद्यानुवाद १३६ - - मन्त्र :-ॐ नमो भगवतो रुद्राय ॐ चामुंडे अमुकस्य हृदयं पिवामि चामुडिनी स्वाहा। विधि :-इस मन्त्र से १०८ बार पानी मन्त्रित करके जिसके नाम से पीवे तो वह वश मे होता है। मन्त्र :- ॐ नमो भगवती वशं करि स्वाहा । विधि :-इस मन्त्र से फलादिक २७ बार मन्त्रित कर जिसको खिलाया जाय वह वश मे होता है। अन्धा हुलि के फूल और वाम पाव के नीचे की धूलि, शमशान की राख (भस्म) सब मिलाकर चूर्ण करे फिर उस चूर्ण को जिसके माथे पर डाले वह वश मे होता है। मन्त्र :-ॐ सुगधवती सुगध वदना कामिनी कामेश्वराय स्वाहा अमुक स्त्री वश मानय २। विधि .- इस मत्र की विधि उपलब्ध नही है। मन्त्र .--ॐ देवी चद निरइ करइ हरु मंडइ राहडि तीनइ त्रिभुवन वसि किया ह्रीं कियइ निलादि । विधि :-इस मन्त्र से चन्दनादिक मन्त्रित करके तिलक करने से सर्वजन वश मे होते है। मन्त्र :-ॐ काम देवाय काम वशं कराय अमुकस्य हृदयं स्तंभय २ मोहय २ वशमानय स्वाहा । विधि :-इस मन्त्र से कोई भी वस्तु मन्त्रित कर चाहे जिसको देने से वह वश मे होता है। सिन्दर चन्दन, कु कुम सम भाग लेकर इस मन्त्र से ७ बार मन्त्रित कर माथे पर तिलक करने अच्छा वशीकरण होता है। मन्त्र :- ॐ देवी रुद्र केशी मन्त्र सेसी देवी ज्वाला मुखी सूति जागा विसिवइटी लेयाविसी हाथ जोडंति पाय लागंति ठं ठली वायंति सांकल मोडंति ले प्राउ कान्हड नारसिंह वीर प्रचंड । विधि :-इस मन्त्र को जिसका नाम लेकर १०८ वार ७ दिन तक जपे तो वह वशी होता है। मन्त्र :-ॐ समोहनी महाविद्य' जंभय स्तंभय मोहय आकर्षय पातय महा समोहनी ठः ३।
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy