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विधि
मन्त्र :- सुयर वाले हिंगेरु येहि एहि ।
उत्तारि
लघुविद्यानुवाद
—इस मन्त्र से ७ बार हाथ से झाडा देने से बिच्छू का जहर उतर जाता है ।
अन्तु नहि फलेहि प्रभुका विछि उलग्रउ
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विधि - इस मन्त्र से प्रथम कपडा को मोडता जाये, तो बिच्छू का जहर उतर जाता है । मौन से मन्त्र पढना चाहिये |
मन्त्र :- ॐ कुरु कुल्ले ह्रीं फट् स्वाहा ।
विधि - तृरणाग्रेण वृश्चिक अकुटकं सप्तवार स्पृश्यते हस्ते गृह्यते न लगती यदपि पतति भूमौ तदा पुनस्तथैव स्पृश्यते शिरीष वृक्ष फले घषित्वा लगित्ते डकादपि वृश्चिक नुत्तरति ।
ॐ जः हः सः ।
मन्त्र : विधि - इस मन्त्र से सिर दर्द ठीक होता है । ॐ वैष्णवै हुं स्वाहा ।
मन्त्र :
मन्त्र :- ॐ क्षं क्षं शिरोवेदनां नाशय २ स्वाहा ।
विधि :- ऊपर लिखे दोनों ही मन्त्र सिर का दर्द मिटाने का है, इस मन्त्र को २१ बार पढने से सिर वेदना ठीक होती है ।
मन्त्र :- ॐ पूं पूं हः हः दुदुः स्वाहा ।
विधि :- इस मन्त्र को केशर से भोजपत्र पत्र लिखकर कान मे बाघने से श्रद्ध शिसा रोग शान्त होता है।
मन्त्र :-- ध भेदकं सिरती नाशय २ स्वाहा ।
विधि :-- इस मन्त्र को गौरोचन से भोजपत्र पर लिखकर कान में बांधने से आधासीसी शान्त होता है ।
मन्त्र :-- प्रावइ २ उद्ध फाटिउमरि सिजा ३ चाउंड हरणी प्रारण जइ २ हइ ।
मन्त्र :- ॐ ह्रीं री रीं रुं यः क्षः ।
विधि - इस मन्त्र को २१ बार जपने से सिर पीडा की शांति होती है ।
मन्त्र :--ॐ महादेव नील ग्रोव जय धर ठः ठ स्वाहा ।
विधि - इस मन्त्र से भी सिर पीडा शान्त होती है ।
मन्त्र :- ॐ ऋषभस्य किरु २ स्वाहा ।