SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 131
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लघुविद्यानुवाद मन्त्र :-ॐ काली महाकाली वज्रकाली हनश्रु लं श्री विश्रु लेन स्वाहा / विधि -इस मन्त्र से कर्ण (कान) का दर्द नाश होता है। मन्त्र :-ॐ मोचनी मोचय मोक्षरिण मोक्षय जीवं वरदे स्वाहा / ॐ तारणि तारिण तारय मोचनि मोचय मोक्षरिण मोक्षय जोवं वरदे स्वाहा / विधि :-बार 7 बिच्छु (खजुरा) डक अभिमत्र्य दिष उतरति / मन्त्र :-ॐ नमो रत्नत्रयस्य आवटुक दारुकविवटुक दारुकविवटु विवट विवटु दारुक स्वाहा / 12 कटो० फे० मं० नमः क्षिप्रगामिनि कुरु कुरु विमले विमले स्वाहा / विधि -इन मन्त्रो से पानी मन्त्रित करके जिसके नाम से पीवे, वह मनुष्य वश मे हो जाता है। मन्त्र -ॐ अरवचन धी स्वाहा / विधि -इस मन्त्र को 108 वार तीनो सध्यानो मे स्मरण करने से महान् बुद्धिमान हो जाता है / मन्त्र :-ॐ क्रीं वद वद वाग्वादिनि ह्रीं नमः / विधि -इस मन्त्र का एक लाख जाप करने से मनुष्य को काव्य रचना करने की योग्यता प्राप्त होती है। विधि -देव भद्र नित्य स्मरणीय / मन्त्र . -ॐ ह्रीं सरस्वत्यै नमः / विधि -तीन दिन मे 12 हजार जाप करके 1 माला निन्य फेरे तो कवि होता है / विधि -108 बार नित्य ही स्मरण करने से स्वप्न मे अतीत अनागत वर्तमान का हाल मालूम पडता है। मन्त्र :--ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल हूं हूं महाग्नि स्तभय स्तंभय ह फुट स्वाहा। अग्नि स्तम्भन मन्त्र / विधि -इस मन्त्र से 7 बार कजिक (काजी) मन्त्रित कर दीपक के सामने क्षेपन करने से दीपक बन्द हो जायगा और शरीर मे लगा हया ताप शान्त हो जायगा।
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy