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भैरव पद्मावती कल्प
पद्मावतीका व्यक्षर मंत्र बाग्भवं चित्तनाथं च होकारं षान्तमूर्द्धगम् । बिन्दुद्वययुतं प्राहुबंधात्यक्षरिमामिमामू ।। ३३ ।। ।
ॐ ऐं क्लीं सौं नमः' इस मन्त्रको विद्वानोंने ब्यक्षर मन्त्र कहा है।
पद्मावतीका एकाक्षर मंत्र , वर्णान्त. पार्श्वजिनो यो रेफस्तलगतः स धरणेन्द्रः। तुर्यस्वरः सविन्दुः स भवेत्पद्मावती संज्ञः ।। ३४ ।।
यंत्र संख्या २ होमकुण्ड में गाडनेका यन्त्र
देवप