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[१७] दशम परिच्छेद (गाड़ाधिकार)
विषय
श्लोक
१०५ १०५-६ १०६-७
१०७ १०७
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गारुड़ विद्याके आठ अंग (१) सग्रह विधान (२) आग न्यास विधान (३) रक्षा विधान (४) स्तोमन विधान (५) स्तम्भन विधान (६) विषनाशन विधान (७) खचोद्य विधानमें
विष संक्रमण मन्त्र
नागावेशन मन्त्र विषनाशन मन्त्र प्रथम
,,,, द्वितीय आठ प्रकारके नागों का वर्णन विषोंका लक्षण विषहरण मत्र नानाकर्षण मन्त्र नागप्रेषण मंत्र दूतको गिराकर रोगोको अच्छा करना। दष्टपातन और पटाच्छादन मत्र निर्षिषारण मत्र नागको साथ२ चलाना सर्पके मुखको कीलने का मंत्र सपैकी गतिको कीलनेका मंत्र सर्पकी दृष्टिको कालनेका मंत्र सर्पको कुण्डलाकार बनाने का मंत्र
१०८ १०८
१०९ १०९-१०
१४-१६ १७-१८ १९-२१ २२ २३-२५
११०-११
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