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[१८] विषय
श्लोक पृष्ठ सर्पको घडे में घुमानेका मंत्र नाग स्तम्भक रेखाका मत्र
११६ (८) खटिझा फणि दर्शन विधान ३५-३६ १६६-१७ विष भक्षण मत्र विषसे शत्रु नाशन विष नाशन तत्र
११८ विच्छू विषनाशन तंत्र घरमेंसे सर्प भगानेका यत्र
११८ शिष्यको विद्या देनेका विधान
४२-५२ ११९-२२ प्रन्धकार की गुरुपरम्परा
५३-५७ १२३-२४ श्री पद्मावती सहस्रनाम स्तोत्रम्
१२६ श्री न्यास मंत्रम् श्री जाप्य मंत्रम् श्री पद्मावती कवचम् श्री पद्मावती दडक स्तोत्रम् श्री स्तुतिः
१४५ श्रो पद्मावती स्तोत्रम्
१४७-५३ श्री पद्मावती छद
१५४-६१ श्री पद्मावती अष्टक श्री पद्मावती स्तुति
१६८ आरती पद्मावती धाता
१७२ इति पंडिता कलामतीदेवी सरस्वती (धर्मपत्नी काव्यसाहित्यतीर्थाचार्य प्राच्यविद्यावारिधि श्री चन्द्रशेखर शास्त्री) कृत
भैरव पद्मावतीकल्पकी विषयसूची समाप्त ।
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