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________________ ११६ ११७ ११८ [१८] विषय श्लोक पृष्ठ सर्पको घडे में घुमानेका मंत्र नाग स्तम्भक रेखाका मत्र ११६ (८) खटिझा फणि दर्शन विधान ३५-३६ १६६-१७ विष भक्षण मत्र विषसे शत्रु नाशन विष नाशन तत्र ११८ विच्छू विषनाशन तंत्र घरमेंसे सर्प भगानेका यत्र ११८ शिष्यको विद्या देनेका विधान ४२-५२ ११९-२२ प्रन्धकार की गुरुपरम्परा ५३-५७ १२३-२४ श्री पद्मावती सहस्रनाम स्तोत्रम् १२६ श्री न्यास मंत्रम् श्री जाप्य मंत्रम् श्री पद्मावती कवचम् श्री पद्मावती दडक स्तोत्रम् श्री स्तुतिः १४५ श्रो पद्मावती स्तोत्रम् १४७-५३ श्री पद्मावती छद १५४-६१ श्री पद्मावती अष्टक श्री पद्मावती स्तुति १६८ आरती पद्मावती धाता १७२ इति पंडिता कलामतीदेवी सरस्वती (धर्मपत्नी काव्यसाहित्यतीर्थाचार्य प्राच्यविद्यावारिधि श्री चन्द्रशेखर शास्त्री) कृत भैरव पद्मावतीकल्पकी विषयसूची समाप्त । १४०
SR No.009990
Book TitleBhairav Padmavati Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMallishenacharya, Chandrashekhar Shastri
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages160
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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