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________________ संस्करण तृ. 1981 मई 1955 | क्र. ग्रंथ नाम लेखक/सम्पादक प्रकाशक प्र.सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ 87. सम्बोधि आचार्य श्री महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं सर्वार्थसिद्धि ले. आचार्य पूज्यपाद भारतीय ज्ञानपीठ, काशी (तत्त्वार्थ सूत्र की टीका) सं.पं. फूलचंद सिद्धान्त शास्त्री 89.| सानुवाद व्यवहार भाष्य वा.प्र. आचार्य तुलसी जै.वि.भा.सं., लाडनूं प्रं. सं. आचार्य महाप्रज्ञ 90./ सुखी समाज (समाज सुखी कैसे हो)| डॉ. कपिल देवी द्विवेदी विश्व भारती अनुसंधान परिषद्, वाराणसी जन. 2004 1983 208 पंचम 1994 सुश्रुत संहिता 92.| सूयगडो मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली जै.वि.भा., लाडनूं तृ., जून. 2006 अनु. अत्रिदेव वा.प्र. आचार्य तुलसी प्र. सं. आचार्य महाप्रज्ञ वामन शिवराम आप्टेम रामचंद वर्मान ले. आचार्य शुभचंद्र सं. डॉ. हीरालाल जैन तीलाल बनारसीदास, दिल्ली | संस्कृत हिन्दी कोश संक्षिप्त हिन्दी शब्द सागर 1993 गरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी एकादश 2053 ज्ञानार्णव 1977 जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर A Sanskrit English Dictionary Voman Shivram Apte Motilal Banarshidas, Delhi 1970
SR No.009963
Book TitleJain Vangmay me Bramhacharya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinodkumar Muni
PublisherVinodkumar Muni
Publication Year
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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