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अध्याय पंचम
2.7.0 अतिमात्रा में आहार निषेध
2.8.0 पूर्व भुक्त भोगों का स्मरण न करना (स्मृति संयम)
2.9.0 शब्दादि इन्द्रिय विषयों एवं श्लाघा का अनुपाती न होना। 2.10.0 सात और सुख में प्रतिबद्ध न होना
2.11.0 श्रोतेन्द्रिय संयम
2.12.0 विभूषा वर्जन
2.13.0 वाणी संयम 2.14.0 ग्रामानुग्राम विहार
2.15.0 प्राण विसर्जन
2.16.0 संघबद्ध साधना
2.17.0 सम्यक् प्रवृत्तियों में व्यस्तता
2.18.0 हास्य वर्जन
2.19.0 निमित्तों से बचाव
30. सुरक्षा उपायों की उपेक्षा का परिणाम
4.0. निष्कर्ष
5.0. संदर्भ
ब्रह्मचर्य विकास के साधन
10. साधन- विमर्श
2.0. ब्रह्मचर्य : विकास के साधन
2.1.0 ज्ञान
2. 1. 1 ज्ञान के आयाम
2. 1. 2. ज्ञान के साधन
2.2.0 दर्शन
2.3.0 चारित्र
3.0. तप
3.1.0 अनशन
3.2.0 ऊनोदरी
3.3.0 रस परित्याग
3.4.0 भिक्षाचरी
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