________________
RSARORAR
-
--
निवेदन
मलन विमान
ड विमस
छ जैन शास्त्रों में मंत्र शास्त्र और औषधिशास अनेक हैं सनमें मंत्र शाखाकी महिमा को अपरंपार है। मंत्र शाखों में से श्री. ऋषि मण्डल यंत्र कल्प, भक्तामर स्तोत्र कल्प, कल्याण मंदिर स्तोत्र कल्प, मोकार मंत्र कल्प-माहाल्यो यंत्रमंत्र साधनविधि हित प्रकट हो चुके हैं। लेकिन और में मंत्रशाखबन्धकारमें मौजूद थे व प्रकट नहीं हो सके थे ऐसे समयमें मानले ३७ वर्ष पर जब हम सहकुटुम्ब श्री शिखरजीकी यात्रार्थ गये ये सब कौटते समय देहली में धर्मपुराको धर्मशालायें ठहरे थे जिसकी सूचना मिलते ही यहां के एक महान् प्रण विद्वान श्री०-५० चन्द्रशेखरजी शास्त्री जो विद्यावारिधि मावि पदवीधारी ये हमसे मिलने पाये थे। उनसे जैन साहित्य व मंत्र शास्त्रोंकी पर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि जैन मंत्रशासनाव हैं। "हमने यहां (देहली) के शाम भण्डारसे बढ़ो मेहनतले मेरक पनामती कल्प, बालामालिनी कल्प, विका कम्प, मंत्र-व्याकरण
बीज कोष मूड प्राप्त करके उनकी प्रेस कॉपी की है। उन्हें हिन्दी अर्थ सहित तैयार किये हैं। यदि भाप इन जो पाना चाहें मैं आपको चित मूल्य पर देयकता हूँ तो हमने आपकी ये प्रेस कापियां मंगाकर देख ली थी फिर सूरत जाकर सनमें से "भैरव पद्मावती कल्प" यंत्र मंत्र साधनविधि सहित बापसे मंगा लिया था बादमें अनेक कारणवशात् या प्रन्थ हम जी प्रकट नहीं कर सके थे लेकिन बाजसे १३ वर्ष पूर्व यह अन्य प्रकट किया था जो करीब-करीक पिक चुका है। (बिर्फ इनीगिनी प्रतियां शेष हैं)
20A 1905/