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श्री पंचगुरुभ्यो नमः | श्री चंद्रप्रभाय नमः ।
मुनिराज श्री इन्द्रनन्दि विरचित
श्री ज्वालामालिनी कल्प
भाषा टीका और मंत्र तंत्र यंत्र सहित
टीकाकार
काव्य साहित्य तीर्थाचार्य, प्राच्य विद्यावारिधि श्री पं० चंद्रशेखरजी शास्त्री- देहली
प्रकाशक
मूलचंद किसनदास कापडिया दिगम्बर जैन पुस्तकालय, गांधी चौक-सूरत
प्रथमा वृति ]
वीर सं. २४९२
मूल्य : पांच रुपये
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319000 - Rea.
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