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* शिक्षक एवं विद्यार्थियों को सूचनाएँ *
१) सन्मति - तीर्थ द्वारा प्रकाशित “उत्तराध्ययन-सार” एवं संबंधित प्रश्नसंच सामने रखकर ही तैयारी करें ।
२) उत्तराध्ययन-सार में बहुत कुछ जानकारी दी है । वह पढने का जरूर प्रयास करें लेकिन परीक्षा के लिए नये प्रश्नसंच का ही उपयोग करें ।
३) लेखी परीक्षा ४० गुणों की होगी । गुण-विभाजन सामान्यतः इस प्रकार का है । अ) उत्तराध्ययन- एक-दो वाक्यों में जवाब
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ब) उत्तराध्ययन-गाथा-पाठांतर एवं लेखन (सिर्फ १) :
क) उत्तराध्ययन में लिखित छोटी कथा (सिर्फ १)
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ड) जैन धर्म की मूलभूत जानकारी
इ) टिप्पण लिखिए (सिर्फ १ )
फ) व्याकरणपाठ
४) पाठ्यक्रम १५ जून से प्रारंभ करें । परीक्षा प्राय: फरवरी में होगी ।
५) हर एक विद्यार्थी ने उत्तराध्ययन-सार एवं प्रश्नसंच खरीदना आवश्यक है ।
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१२ गुण
१० गुण
०२ गुण
०८ गुण
०४ गुण
०४ गुण