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________________ (४) भूमि सयन । (५) दरेक यात्रा में मूलनायक की ३ प्रदक्षिणा । (६) "उज्जित सेलसिहरे दीक्खा नाणं निस्सीहीआ जस्स, तम् धम्म चक्क वट्टीं अरिट्ठनेमि नमसामि" अथवा "ॐ ह्रीं श्री नेमिनाथाय नमः' की २० नवकारवाली । (७) श्री रैवतगिरि महातीर्थ आराधनार्थ----" संपूर्ण ९ लोगस्स का काउस्सग्ग । (८) गिरनार महातीर्थ के ९खमासमण । ९९ यात्रा दरम्यान १ बार मूलनायक दादा की १०८ प्रदक्षिणा / १०८ लोगस्स का काउस्सग्ग / पूरे गिरनार गिरिवर की प्रदक्षिणा (लगभग २८ कि.मी.)।। ९ बार पहली ट्रॅक के हरएक देरासर के दर्शन । १ बार चोविहार छठ करके सात यात्रा । यात्रा दौरान एक बार गजपद कुंड के जल से स्नान करके परमात्मा की पूजा करनी । गिरनार गिरिवर की ९९ यात्रा किस तरह करोगे ? गिरनार की ९९ यात्रा से आप घबरा गये? उसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है- हकीकत में शत्रुजय की ९९ यात्रा से तो गिरनार की ९९ यात्रा एकदम सरल है। हा ! हा ! उसमें आश्चर्य पाने की जरूरत नहीं है। शत्रुजय की प्रथम यात्रा में लगभग ३६०० सीढियाँ होती है, गिरनार की पहली यात्रा में लगभग ३८४० सीढियाँ होती शत्रुजय में दूसरी यात्रा के लिए धेटीपाग की २८०० सीढियाँ उतरनी पडती है जबकि गिरनार में दूसरी यात्रा के लिए १००० सीढियों के डिस्काउन्ट के साथ सहसावन तक मात्र १८०० सीढियाँ ही उतरनी पड़ती है। शत्रुजय की तीन यात्रा में जितनी सीढियाँ होती है उससे कम सीढियों में गिरनार की तो चार यात्रा हो जाती है अर्थात् गिरनार की ९९ यात्रा बहुत ही कठिन है वैसा थोड़ा भी भय मत रखना । कोई भी डर रखे बिना गिरनार की यह ९९ यात्रा का अमूल्य अवसर चुकना मत ।
SR No.009951
Book TitleChalo Girnar Chale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirth Vikas Samiti Junagadh
Publication Year
Total Pages124
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size450 KB
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