________________
मित्र-भेद
वह बहुत छिपा होने पर भी स्वप्न की बर्राहट से अथवा नशे की वजह से प्रकट हो जाता है। अथवा स्त्रियों के विषय में संदेह ही क्या है ? " वे एक के साथ बात करती हैं, दूसरे को नखरे से देखती हैं, तीसरे
को मन में धारती हैं , फिर स्त्रियों का कौन प्रिय है ? और भी "वे मुस्कराते, लाल ओंठों से एक के साथ लड़-मिलाती हैं, खिली कोंई के समान आँखों वाली स्त्रियां दूसरे को देर तक देखती हैं ; कुछ मालदार की मन में चिंता करती हैं ; वामलोचना स्त्रियों का सचमुच प्रेम असली किसके
ऊपर है ? और भी " आग लकड़ियों से कभी अघाती नहीं , समुद्र नदियों से नहीं अघाता, काल सब प्राणियों से भी तृप्त नहीं होता और वामलोचनाएं पुरुषों से नहीं अघातीं।। " एकांत जगह नहीं है, उत्सव का समय नहीं और प्रार्थनाकारी पुरुष नहीं है , इन कारणों से हे नारद, स्त्रियों का सतीत्व
होता है।
"जो मूर्ख मोहवश होकर, यह स्त्री मेरे वश में है, यह मानने
लगता है, वह उसके वश पालतू चिड़िया की तरह जाता है। "जो पुरुष स्त्रियों का छोटा या बड़ा कहना अथवा काम करता
है , वह ऐसा करने के बाद लोक में छोटा समझा जाता है । "जो पुरुष स्त्री की प्रार्थना करता है, उसके संसर्ग में आता है तथा
उसकी थोड़ी सेवा करता है, उस पुरुष की स्त्री इच्छा करती है। "प्रार्थना करने वाले मनुष्यों के न होने पर तथा परिजनों के भय
के कारण उच्छृखल स्त्रियाँ मर्यादा के अन्दर रहती हैं। " स्त्रियों के लिए कोई अगम्य नहीं है , उमर की मर्यादा का उन्हें