SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 154
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १४१ । मित्र-संप्राप्ति करना चाहिए । अत्यन्त लालची के मस्तक में चोटी जम जाती है।" ब्राह्मण ने पुनः ब्राह्मणी से कहा , “अरे ब्राह्मणी ! क्या तुमने नहीं सुना है आयु , कर्म, धन, विद्या और मृत्यु, ये पांचों प्राणी के गर्भ में रहते ही बन जाते हैं ?" ब्राह्मण द्वारा इस तरह समझाए जाने पर ब्राह्मणी बोली, “अगर ऐसी बात है तो मेरे घर में थोड़ा सा तिल है । उस तिल को छांटकर, तिल-चूर्ण से मैं ब्राह्मण-भोजन कराऊँगी।" यह सुनकर ब्राह्मण दूसरे गांव चला गया । ब्राह्मणी ने भी उन तिलों को गरम पानी में मलकर और छांटकर धूप में रख दिया। इसके बाद उसके घर के काम में लग जाने पर तिल में किसी कुत्ते ने पेशाब कर दिया। यह देखकर वह सोचने लगी, “यह टेढ़े भाग की चतुराई तो देखो जिसने इन तिलों को न खाने योग्य बना दिया ! इसलिए मैं इन्हें लेकर और किसी के घर जाकर छांटे हुए तिल की जगह बिना छांटे हुए तिल बदल लाऊंगी। इस तरह सब लोग मुझे तिल देंगे।" जिस घर में मैं भिक्षा के लिए आया था उसी घर में वह भी तिल बेचने के लिए आई और कहा कि “बगैर छंटे हुए तिलों के बदले में यह छंटे हुए तिल ले लो।" उस घर की मालकिन आकर जब तक बगैर छंटे हुए तिल से छंटे हुए तिलों का बदला करे , तब तक उसके पुत्र ने कामंदकि नीति-शास्त्र देखकर कहा, “मां,यह तिल लेने लायक नहीं है । बगैर छंटे हुए तिल के बदले में तुझे इसका उँटा हुआ तिल नहीं लेना चाहिए। इसमें कोई कारण जरूर होगा, जिससे यह बिना छंटे हुए तिल की जगह छंटे हुए तिल दे रही है।" यह सुनकर उसने छंटे तिलों को छोड़ दिया। इसलिए मैं कहता हूं कि शाण्डिली की माता बिना छंटे तिल एकाएक नहीं बेचती। इसमें कोई कारण जरूर होना चाहिए।" __यह कहकर पुनः बृहत्स्फिक् कहने लगा , “इस चूहे के आने का रास्ता क्या तुम जानते हो?" तामचूड़ बोला, "भगवन् ! मैं जानता हूं, क्योंकि वह अकेला नहीं आता, पर मेरे देखते हुए भी अपने असंख्य गिरोह से घिरा हुआ इधर-उधर दौडते हए अपने असंख्य परिवार के साथ आता है और
SR No.009943
Book TitlePanchatantra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishnusharma, Motichandra
PublisherRajkamal Prakashan
Publication Year
Total Pages314
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy