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४. प्रमाण व नय
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२. अखंडित व खडित ज्ञान का अर्थ
कहा जाता है । अखंडित चित्रण बन जाने के पश्चात् धारा रूप चित्रण वाले ज्ञान मे पढ़े हुए पृथक पृथक भाव जो धारा प्रवाही वचनों पर से ग्रहण करने में आये है, नये ज्ञान कहलाता है । प्रमाण ज्ञान अनेकान्त वस्तु के अनुरूप अखड चित्रण होने के कारण अनेकान्त है, और नये ज्ञान उस अनेकान्त वस्तु के पृथक पृथक अगों के खडित चित्रण रूप होने के कारण एकागी या एकान्त है ।