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१२ नैगम नयः
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४ द्रव्य नैगम नय
पर्याय का वर्तमान में सकल्प करना नैगम नय है । अब आगे इस नय के द्रव्यार्थिक व पर्यायार्थिक रुप भेदों का निरुपण करने मे आयेगा । गौर से सुनना ।
काल सूचक नैगम के भेदों का कथन हो चुका । अब इसके धर्म धर्मी के द्वैत रूप भेदों का कथन करना चाहिये ।
द्रव्य नैगम
नय
द्रव्य, गुण व पर्याय तीनों को ही द्वैत रूप से
युगपत ग्रहण करने वाले इस व्यापक नय को तीन प्रमुख भेदो में विभाजित किया गया है
४.
१. दो धार्मियों में एकता का सकल्प
२. दो धर्मों में एकता का संकल्प
३. धर्म व धर्मी में एकता का सकल्प
इन्ही तीनो को विशेष स्पष्ट करने के लिये इनके निम्न प्रकार उत्तर भेद किये गये है, जो भले ही नामो की अपेक्षा भिन्न दीखते हो परन्तु उपरोक्त तीन विकल्पो से अन्य अपनी पृथक सत्ता नही रखते ।
१. धर्मियो की अपेक्षा.
१. द्रव्य नैगम, २. शुद्ध द्रव्य नैगम, ३ अशुद्ध द्रव्य नैगम,
२. धर्मो की अपेक्षा
१. पर्याय नैगम, २ अर्थ पर्याय नैगम, ३ व्यञ्जन पर्याय नैगम, ४ अर्थ व्यञ्जन पर्याय नैगम ।
धर्म धर्मी की अपेक्षा
१
द्रव्य पर्याय नैगम, २. शुद्ध द्रव्य अर्थ पर्याय नैगम, ३ शुद्ध द्रव्य व्यञ्जन पर्याय नैगम, ४. अशुद्ध द्रव्य अर्थ पर्याय नैगम, ५. अशुद्ध द्रव्य व्यन्जन पर्याय नैगम