________________
-: प्रात्मा व उसके अंग :
दिनांक १२।१०।६० १. आत्मा सामान्य का संक्षिप्त परिचय, २. ज्ञान, ३. चारित्र, ४. श्रद्धा, ५. वेदना, ६. शुद्धाशुद्ध भाव परिचय, ७, क्षायिकादि चार माव, ८. पारिणामिक भाव ९. मावों का स्वामित्व, १०. वस्तु में पांचों भावों का दर्शन, ११. आत्मा की द्रव्य पर्यायों का परिचय, १२. पारिणामिकादि भावों का समन्वय ।
नय दर्पण का यह विषय प्रमुखत. अपने जीवन मे हित व १ आत्मा सामान्य का सरलता उत्पन्न करने के प्रयोजन से
सक्षिप्त परिचय पढा व पढाया जा रहा है, तथा आगम क गूढ व रहस्य मयी वाक्यो का यथार्थ भावार्थ जानने का अभ्यास