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मेरी जीवन गाथा उसमें १ कूप भी है। लोगोंमें ज्ञान की न्यूनता है क्योंकि उसके साधन नहीं । अव जवसे विन्ध्यप्रदेश हुआ है तवसे एक प्रायमरी स्कूल हो गया है अतः कुछ समय बाद पठन-पाठन होने लगेगा। कुछ मनुप्य स्वाध्याय करते हैं परन्तु विशेष ज्ञान नहीं । यहाँके कुछ वालक पपौरामे पढ़ते हैं। इन गावोंमें कोई त्यागी रहे तो बहुत उपकार हो सकता है परन्तु इस प्रान्तमें प्रथम तो त्यागी नहीं फिर जो हैं वे विशेष पढ़े नहीं। इसका मूल कारण जैन जनतामें विद्याका प्रचार नहीं। इस प्रान्तके जैनी प्रायः पूजा आदिमें द्रव्य व्यय कर देते हैं । जो कुटुम्ब निर्धन हैं उनकी कोई सहाय करानेवाला नहीं। छात्रोंको भी कोई सहायता नहीं देवा । इनका उद्धार वही कर सकता है जो दृढ़प्रतिज्ञ हो, ज्ञानी हो, सवृत्त हो तथा कुछ कल्याण करनेकी भावनासे युक्त हो।
लारसे चलकर बड़ेगाँवमें रहे । भोजनके पश्चात् सव महाशय एकत्र हुए। यहाँ एक औषधालयकी स्थापनाके अथे ३००) का चन्दा होगया । यहाँके आदमी भद्र हैं। यहाँ अमृतलाल गोलापूर्व तथा उनका भाई-दोनों ही कर्मठ व्यक्ति हैं। राजनैतिक कार्यमें संलग्न हैं। भाव देशकल्याणके हैं किन्तु जितना वोलते हैं उसका अंश भी कार्य यदि करें तो बहुत ही अच्छा हो। न जाने क्या कारण है कि वर्तमान युगमें परका कल्याण करनेकी भावना तो प्रायः सवमें रहती है परन्तु हमारा भी कल्याण हो इसका ध्यान नहीं रहता। राजनैतिक कार्य करनेवाले प्रायः धर्मकी श्रद्धासे च्युत हो जाते हैं। धर्मको ढोंग वताने लगते हैं। ऐसे लोग यदि महात्मा गाँधीसे कुछ ग्रहण करते तो उत्तम होता। ___ वड़ेगाँवसे चलकर घुवारा आगये । यहाँके लोग अच्छी स्थिति में हैं। १ पाठशाला है जिसमें प्रथम परीक्षा उत्तीर्ण अध्यापक