________________
इटावा श्रञ्चलमें
१६६
बहुत हैं कर्तव्य पालन करनेवाले कम हैं । यहाँसे ३ मील चलकर गोरेनीका नगरामे ठहर गये । प्रातः यहाँसे २ मील चल कर चम्बल नढीके घाटपर ठहर गये । बहुत सुन्दर दृश्य है नीचे नदी वह रही है ऊपर सहस्रों टीला है। एक बंगला है, २ फलांगपर १ ग्राम है जिसका नाम उढ़ी है यहाँपर १ मिटिल स्कूल है । ६ बजे शास्त्र प्रनचन हुआ, अन्य लोग भी आये स्कूलके मास्टर तथा छात्र गण भी थे । आगत जनतासे मैंने कहा कि आप बीड़ी पीना छोड़ दें तथा परस्त्रीका त्याग भी कर दें सुनकर आम जनता प्रसन्न हुई तथा अधिकांशने प्रतिज्ञा ली । यहाँसे चल कर वरहीमे ठहरे और प्रातः ५ मील चल कर फूफ आ गये । जैन मन्दिरकी धर्मशालामे ठहरे, यहाँ २० वर जैनियोंके हैं लोग भद्र जान पड़ते हैं । श्रीराजारामजी गोलसिंगारेके घर भोजन किया । उन्होंने जो खर्च हो उसपर एक पैसा प्रति रुपया दान करनेका नियम लिया तथा उनकी गृहिणीने अष्टमी चतुर्दशीको शीलव्रत लिया । आज ईसरीसे पत्र आया कि व्र० कमलापतिजीका स्वर्गवास हो गया । समाचार जानकर पिछली घटनाएं स्मृत हो उठीं आप वरायठा (सागर) के रहनेवाले थे । सम्पन्न होनेपर भी गृहसे विरक्त थे । आपके साथ बुन्देल - खण्डमे मैंने बहुत भ्रमण किया था तथा वहाँ प्रचलित कई रूढ़ियाँ बन्द कराई थीं । आपको शास्त्रका ज्ञान भी अच्छा था । अष्टमीका दिन होनेसे सम्यक् प्रकार धर्मध्यानमें दिन बीता । स्वाध्याय अच्छा हुआ, स्वाध्यायका फल स्वपर विवेकका होना है। इससे संवर और निर्जरा होती है । श्रागमाभ्याससे उत्तम मोक्षमार्गका अन्य सहायक नहीं । यहाँसे दूसरे दिन ४ मील चलकर दीनपुरा मे रात्रि बिताई । प्रातः २ मील चलकर भिण्डके बाहर एक सुरम्य स्थानमे ठहर गये । यहाँ से १ फर्लांग मन्दिर है, बहुत विशाल है । मध्याह्नके बाद २ बजेसे नसियामे सभा हुई जनसंख्या अच्छी थी । श्री पं०
1