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इटावाकी ओर
१५१ प्रवचन हुआ वहीं पर आहार हुआ पश्चात् बोडिंगमे आ गये । यहाँ पर निरन्तर भीड़ रहती है स्वाध्याय भी नहीं हो पाता केवल गल्पवादमें समय जाता है । वस्तुतः मेरे हृदयकी दुर्बलता ही भीड़ एकट्ठी करती है । हृदयकी दुर्बलता कार्यकी बाधक है मोहके कारण यह दुर्वलता है इसका जीतना महान् कठिन है। ___मगासिर वदी १० सं० २००६ को यहाँसे १ बजे चलकर ४ मीलकी दूरीपर एक वागमे ठहर गये। यह बाग पहले वहुत ही सुन्दर रहा होगा पर अब तो नष्ट भ्रष्ट हो गया है जिस मकानमे ठहरे वह बहुतही अस्वच्छ था--मकड़ी और मच्छरोंका घर था । येन केन प्रकारेण यहाँ रात्रिभर सोये प्रातःकाल ४ मील चल कर फदा आ गये । फफूंदा कसवा अच्छा है यहाँ पर गूजर लोगो की वस्ती है, सव सम्पन्न हैं, इन्होंने बहुत सत्कार किया, हमने समाधि शतकका प्रवचन किया परन्तु जो सुख होना चाहिये वह नहीं हुआ। इसका मूल कारण आत्मीक रस नहीं। यहाँसे २ बजे चल कर खरखोदाके स्कूलमे ठहर गये । स्थान अच्छा था रात्रि को स्वाध्याय अच्छा हुआ। स्वाध्यायसे आत्मकल्याण होता है, कल्याणका अर्थ है पर पदार्थोसे ममता त्याग । ममता का कारण अहम्बुद्धि। यहाँसे ४ मील चल कर कौनी ग्राममे एक राजपूतके बंगलेमे ठहर गये। बंगला उत्तम था, एक घण्टा स्वाध्याय किया सुनने वाले व्यग्र थे। व्यग्रताका कारण चम्बलता है और इस ओर रुचि भी नहीं। स्वाध्यायके प्रति रुचि नहीं, रुचि न होनेमे मूल कारण कभी इस ओर लक्ष्य नहीं। निरन्तर गृहस्थोंको अपने बालकादिके पोपणके अर्थ परिग्रह सञ्चय करनेमें समयका उपयोग करना पड़ता है इस मार्गमे चलनेका उन्हे अवकाश ही नहीं मिलता। प्रात काल ४३ बजे से ५२ तक मोक्षमार्गप्रकाशका स्वाध्याय किया उसमे करण था कि मोहके