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भगवई सुत्त
सक्क्स्स णं देविंदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो देसूणाई दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, एमहिड्ढीए जाव वरुणे महाराया ।
कहि णं भंते! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारण्णो वग्गु णामं महाविमाणे पण्णत्ते ?
गोयमा ! तस्स णं सोहम्मवडिंसयस्स महाविमाणस्स उत्तरेणं एवं जहा सोमस्स महाविमाण, रायहाणिवत्तव्वया तहा णेयव्वा जाव पासायवडेंसया ।
सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारण्णो इमे देवा आणा- उववाय वयण णिद्देसे चिट्ठति, तं जहा- वेसमणकाइया इ वा, वेसमण देवयकाइया इ वा, सुवण्णकुमारा सुवण्णकुमारीओ दीवकुमारा, दीवकुमारीओ दिसाकुमारा दिसाकुमारीओ वाणमंतरा, वाणमंतरीओ जे यावणे तहप्पगारा सव्वे ते तब्भत्तिआ जाव चिट्ठति ।
जंबूद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं जाई इमाई समुप्पजंति, तं जहा- अयागरा इ वा, तउयागरा इ वा, तंबागरा इ वा, सीसागरा इ वा हिरण्णागरा इ वा, सुवण्णागरा इ वा, रयणागरा इ वा, वइरागरा इ वा, वसुहारा इ वा, हिरण्णवासा इवा, सुवण्णवासा इ वा, रयणवासा इ वा, वइरवासा इ वा आभरणवासा इवा, पत्तवासा इवा, पुप्फवासा इवा, फलवासा इवा, बीयवासा इवा, मल्लवासा इ वा वण्णवासा इवा, चुण्णवासा इवा, गंधवासा इवा, वत्थवासा इ वा हिरण्णवुट्ठी इ वा, सुवण्णवुट्ठी इ वा, रयणवुट्ठी इ वा, वइरवुट्ठी इ वा, आभरणवुट्ठी इ वा, पत्तवुट्ठी इ वा, पुप्फवुट्ठी इ वा, फलवुट्ठी इ वा, बीयवुट्ठी इ वा, मल्लवुट्ठी इ वा, वण्णवुट्ठी इ वा, चुण्णवुट्ठी इ वा, गंधवुट्ठी इ वा, वत्थवुट्ठी इ वा, भायणवुट्ठी इ वा, खीरवुट्ठी इ वा; सुकाला इ वा, दुक्काला इ वा अप्पग्घा इ वा, महग्घा इ वा, सुभिक्खा इवा, दुब्भिक्खाइ वा, कयविक्कया इ वा, सण्णिही इ वा, सण्णिचया इ वा, णिही इ वा, णिहाणाइं वा, चिरपोराणाइं वा, पहीणसामियाइं वा, पहीणसेउयाइं वा, पहीणमग्गाणि वा पहीणगोत्तागाराइं वा; उच्छण्णसामियाइं वा; उच्छण्णसेउयाइं वा; उच्छण्णगोत्तागाराइं वा, सिंघाडग-तिग- चउक्क-चच्चर-चउम्मुह महापहपहेसु वा, णयरणिद्धमणेसु वा, सुसाण-गिरि- कंदर- संति-सेलोवट्ठाण भवणगिहेसु सण्णि- क्खित्ताइं चिट्ठेति । ण ताइं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारण्णो अण्णायाई, अदिट्ठाई, असुयाई, अमुयाई, अविण्णायाइं; तेसिं वा वेसमणकाइयाणं देवाणं ।
सक्क्स्स देविंदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारण्णो इमे देवा अहावच्चा - भिण्णाया होत्था, तं जहा- पुण्णभद्दे, माणिभद्दे, सालिभद्दे सुमणभद्दे, चक्के, रक्खे, पुण्णरक्खे, सव्वाणे, सव्वजसे, सव्वकामे, समिद्धे, अमोहे, असंगे ।
सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारण्णो दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, एमहिड्ढीए जाव वेसमणे महाराया ॥ सेवं भंते! सेवं भंते ! ॥
| सत्तमो उद्देशो समत्तो ॥
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