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१४ - ७३४ किस उधेड़बुन में लग रहा ९ सब बेकार चेष्टा है, सहज ज्ञान के अतिरिक्त सब माया है, सहजज्ञानमय आत्मा में स्थिर रह ।
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१५-८००. माया शव्द ही यह बात बतला रहा है— कि जो तत्व है सोयामा अर्थात् यह (दृश्यमान सब ) नहीं और जो यह है सोचमा अर्थात् तत्व नहीं -कहां भृले हो ? –- पूर्णतया भाव से मोह दूर करो । फॐॐ फ