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प्रथम परिच्छेद ।
दीपिका - अब कोष्ठकों में श्रङ्कों की स्थापना को कहते हैं:
पहिली पंक्ति में प्रथम कोष्ठक में एक ही रखना चाहिये, अन्य दूसरी आदि पंक्तियों में प्रथम कोष्ठकों में शून्यों को ही रखना चाहिये, दूसरे कोष्ठकों में परिवर्त्ताङ्कों को रखना चाहिये तथा तीसरे कोष्ठकों में उन्हों को (१) द्विगुण करके रखना चाहिये, चौथे कोष्ठकों में उन्हीं को त्रिगुण करके रखना चाहिये, पांचवे कोष्ठकों में उन्हीं को (२) चौगुना करके रखना चाहिये, छठे कोष्ठकों में उन्हीं को पांच गुणा करके रखना चाहिये, सातवें कष्टों में उन्हीं को छः गुणा करके रखना चाहिये आठवें कोष्ठकों में उन्हीं को सातगुना करके रखना चाहिये तथा नवें कोष्ठकमें उन्हीं को माट गुना करके रखना चाहिये, कोष्ठक पंक्तियों की स्थापना का यन्त्र यह है ॥
१- परिवर्त्ताङ्कों को ही ॥ २ - परिवर्त्ताङ्कों को ही ( इसीप्रकार आगे भी जानना चाहिये ) ॥
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