________________ कार" श्रीमत्रराजगुणकलामहोदधि / पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध शुद्ध | पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध शुद्ध . " 15 पाप्त प्राप्त ", 26 आयां आया " 12 है [5] [5] है। | 233 10 करता करना 224 7 [4] वाचक वाचक [4] औरणमो " 16 तात्पर्य नस्पर्शय 333 11 पञ्चणमा पञ्णमो. " 28 ज्ञापक ज्ञापक, ___कारो" कारो 225 6 रूप आचार्य र आचार | ". 37 पर्या " 27 धामाञ्जन्ति धामाञ्चन्ति 225 26 पति पत्ति " 28 बोधयुद्ध * बोधयुक्त | -35 6 पञ्चनमुत्कार पञ्चन्नमुत्कार | 235 / परमेष्ठी परमेष्ठी 226 4 करना, कराना, - 226 6 वत्सलशि वत्सलम विषय में . " यत्राय: "... 22 विषय के हाकायः / " 5- सिद्वि सिद्धि 2.6 1 "पञ्चणमोकार" “पञ्चणमी. 227 2 लघु हैं 237 14 नर्मसति नमसंति गुण 237 27 1228 6 आकार आकर " 12 समीप्य सामीप्य 27. 3" 17 [3] गमन गमन [3] " १२क्षान ज्ञान 28 5226 4 अथ अथवा 2387 प्रति प्राप्ति ." 25 पर कामना परकामना " 26. तत्सबन्धी तत्सम्बन्धी " 22 पाच - पांच " 30 शक्ति शक्ति, " 23 शब्द शब्द 22 कामना कामता " 28 ज्ञापक ज्ञापक 230 5 करनेवाला करनेवाला, " 11 यही " 16 समर्थक समर्धक " 25 "अ" "आ" " 17 विशिष्ट विशिष्ट [13] | " 26 बताने " 11 स्त्री 236 2 "मंगलाण" "मंगलाणं" " 6 अहंकार अहंकार [6] | 240 6 समस्त समस्त 231 को पूर्ण पूर्ण >> 10 होता है . हो वही स्त्री Aho! Shrutgyanam