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श्रीमन्त्रराजगुणकल्पमहोदधि ।
पृष्ठतक
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विषय
पृष्ठसे सम्पद् शब्द सिद्धि का वाचक है, इस विषय का प्रतिपादन २१२ आठ सिद्धियों के नाम ... . .. ... २१२ आठों सिद्धियों का संक्षिप्त अर्थ ... ... ... २१२ मन्त्रराज के पद विषेश में सन्निविष्ट सिद्धि विशेषका निरूपण २१४ "णमो” पदमें अणिमा सिद्धि के सन्निवेश के हेतु ... २१४ "अरिहंताण" पदमें महिमासिद्धि के सन्निवेश के हेतु...। "सिद्धाणं" पदमें गरिमासिद्धि के सन्निवेश के हेतु ... २२२ "आयरियाणं" पदमें लघिमा सिद्धि के सन्निवेश के हेतु २२४ "उधझायाणं" पद में प्राप्ति सिद्धि के सन्निवेश के हेतु २२८ सव्यसाहूणं" पदमें प्राकाम्य सिद्धि के सन्निवेश के हेतु २२६ "पंच णमोक्कारो” पदमें ईशित्व सिद्धि के सन्निवेश के हेतु २३२ मंगलाणं" पदमें वशित्व सिद्धि के सन्निवेश के हेतु ... . २३७ श्रीपञ्चपरमेष्ठि नमस्कार स्तोत्र का महत्त्व आदि ... २३६
॥ इति शुभम् ॥
२२४
२२८
२३२
२३७ २३६
1827ATARAPIERRIES
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