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विषयानुक्रमणिका।
(१३)
१४०
१५४
विषय
पृष्ठसे पृष्ठतक सर्वभय प्रणाशिनी विद्या
१३६
१४० चतुर्थ फलदायक मन्त्र
१४० सर्वरक्षा-मन्त्र ...
१४० सर्वसिद्धि-मन्त्र ...
१४० चतुर्थ फलदायक मन्त्र लाभप्रद--मन्त्र विस्फोटक शामक मन्त्र
१४१ विभवकरी विद्या ...
१४१ सर्वसम्पत्ति दायक मन्त्र ...
१४१ सर्वाभ्युदय हेतु परमेष्ठि मन्त्र सर्व कार्य साधक मन्त्र ... ...
१४१ दुष्ट व्रण शामक मन्त्र ... ...
१४१ उक्त सर्व विषय की भाषाटीका * ...
१५३ पञ्चम परिच्छेद
२०४ (नवकार मन्त्र सम्बन्धी आवश्यक विचार ) पञ्चपरमेष्ठि नमस्कार शब्दार्थ
१५४ पांच परमेष्ठियों का नाम परमेष्ठी शब्द का अर्थ
१५४ नव पदों का वर्णन
१५४ उक्त नव पदों का अर्थ
१५४ "णमो” अथवा “नमो” पद के विषय में विचार "नमः" पद का संक्षिप्त अर्थ ... ... "णमो अरिहंताणं " आदि तीन प्रकार के पाठ ...
१५६ "णमो अरहताणं " पाठ के विभिन्न अर्थ ... ... "णमो अरिहताण पाठ के विभिन्न अर्थ ... ... १५७ "णमो अरुहंताणं" पाटके विभिन्न अर्थ ... .... ... १५८, भगवान को नमस्कार करने का कारण ... ... ... १५८ * भाषा टीका में अनेक उपयोगी विषयों का भी वर्णन कियागया है ।
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