________________
( 44 ) क, ग, च, जेत्यादीनां लुकि सति यः शेषोऽवर्णस्तस्मात् परतो लघुप्रयत्नतर यकार श्रुति भवति ।
Where k, g, ch, and j &c., are elided, the inherent a, which survives them, if preceded by an abarna (a or a) is pronounced like ya.
ख, घ, थ, ध, भां हः ॥ १२ खरात् परेषामसंयुकानामनादिभूतानां ख, घ, थ, ध, भ इत्येतेषां वर्णानां प्रायो हो भवति
H is substituted for the five consonants kh, gh, th, dh and bh, when they are single, non-initial and preceded by a vowel ख-महो (मखः); मुहं (मुखं); मेहला (मेखला); लिहदू (लिखति); पमुहेण (प्रमुखेण); सही (सखी) ; प्रालिहिदा (आलि. खिता); घ-मे हो (मेघः); जहणं (जघनं) ; माहो (माघः) ; लाइ (लाघवं); लहु (लघु); थ१ - नाहो(नाथः); गाहा (गाथा); मिहुणं (मिथुन); सवहो (शपथः); कहेहि (कथय); कहेदु (कथयतु); कहदसम (कथयिष्यामि); कहं (कथं); मणोरहो (मनोरथः); ध-सा (साधुः); राहा (राधा); वाहो (वाधः); वहिरो (वधिरः); वाहदू (वाधते); इंदहण (इन्द्रधनुः); अहिश्र (अधिक); माहवीलदा (माधवीलता); महुरो (मधुकरः) भ-सहा (सभा); सहावा (स्वभावः); णहं (नभः); घणहरो (घणभरः); मोहदू (शोभते); साहणे (शोभनं); आहरणं (श्राभरण); दुलहा (दुर्लभः); वलहो (वल्लभः);.२ स्वरादितिकिं ?
In the sauraseni except in prithivi and prathama, dh is substituted for th, as जघा (यथा); नधा (तथा); चमधा (धन्यथा) &c., in prithivi, and pra. thama, h and dh are respectively substituted for th, as पड़वी, पढ़मं; पृथिवी प्रथमञ्च वर्जयित्वा शौरसेन्यां थकारस्य प्रायो धो भवति ।
२ शौरसेन्यां ध भयोः क्रमेण दकार वकार वदुच्चार विहितं न तु लेखत : खारयं In the sauraseni dh and bh are pronounced as d and v respectively, but they do not change their forms.
Aho ! Shrutgyanam