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अंक २ ]
श्री महावीरनो समय- निर्णय
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पछी लगभग एक वर्ष जेटलो निर्नायकी - अराजक- काल गया पछी पटले उदयना १६ मा वर्षे पण्डुवासनो राज्याभिषेक थयो अने ते ३० वर्ष राज्य करी नागदासना एकवीसमा वर्षमां अवसान पाम्यो. तेना पछी अभय राजा थयो अने तेणे २० वर्ष राज्य कर्यु अने त्यारपछी फरीथी १७ वर्ष अराजक पणुं रधुं. ते अंधाधुंधी दरम्यान पकुण्डक या पण्डुकाभय जे लुटारा तरीके जीवन गुजारतो हतो ( चोरो आसि, ११, २) ते पोताना नव मामाओने मारीने (११, ३) अनुराधपुरमा अभिषिक्त थयो अने ७० वर्ष राज्य करी चन्द्रगुप्तना १४मा वर्षमां मरण पाम्यो. ते पोतानो राजमुकुट पोताना पुत्र सुटसीवने सोपतो गयो हतो. आ मुटसीव ६० वर्ष राज्य करी अशोकना 84 अभिषेक पछी १७ वर्षे इ. स. पूर्वे २५७ मां देहांत पाम्यो. आ सघळी हकीकतो उपरथी चन्द्रगुप्तनो समय इ. स. पूर्वे ३१५-३१४ मां आवे छे अने अशोकनो राज्याभिषेक इ. स. पूर्वे २५७ मां पडे छे. परंतु आ बन्ने मितिओ वधारे अर्वाचीन थाय छे. हवे विचार करीए के पकुण्डक जे पोताना अभिषेकना समये ३७ वर्षनो हतो तेणे ७० वर्ष राज्य कर्य होय अमे तेना पछी तेना पुत्रे ६० वर्ष राज्य कर्य होय ते अशक्य जेवुं ज लागे छे. 85 परंतु आमां कये स्थळे भूल रहेली छे तेनो मात्र निर्णय करवो कठीण छे. छतां गणतरीनी चूक पण बहु मोटी नहि होवाथी, सिलोनना ऐतिहासिक ग्रंथो, व्यवस्थित करेली इ. स. पूर्वेनी ४७७ नी तारीखने कायम राखवामां प्रतिबंध करे तेम लागतुं नथी.
आ टुंकी तपासनुं संक्षेपमां तात्पर्य:- अशोकनो राज्याभिषेक इ.स. पूर्वे २७२ भने २७०नी बचमा थयो हशे अने तेनुं वास्तविक राज्याधिरोहण तेनाथी लगभग चार वर्ष पहेलां एटले इ. स. पूर्वे २७६-२७४ वर्षे थयुं हशे जो एनाथीए वधारे चोक्कस तारीख मेळववा माटे उपर आपलां बीजां वर्षो गणत्रीमां लईए अने अशोक इ. स. पूर्वे २७४ मां राजा थयो हतो एम धारीए तो तेना राज्यकालना ४१ (४+३७) वर्षो गणत्रीमां लेवाथी तेना देहान्तनी तारीख तरीके आपणे इ. स. पूर्वे २३३ मुं वर्ष मेळवी शकीए. बिन्दुसारना संबंधमां ब्राह्मणग्रंथोनुं कथन बौद्धग्रंथोना कथन करतां वधारे साधुं प्रामाणिक छे तेम मारुं धारखं छे, अने तेना राज्य. कालना समय आपणे वधारेमां वधारे २५ वर्षनोज स्वीकारी शकीए. आ अनुसार तेनो समय इ. स. पूर्वे २९९ अने २७४ वर्षोनी वच्चे निर्णीत थाय; अने मारुं एम पण मानवु छे के तेनुं राज्य पछी ज शरु थयुं इतुं. चन्द्रगुप्ते इ. स. पूर्वे ३२३ अने २९९ नी बच्चे राज्य कर्य हशे अने आम थबुं जमने तो वधारे संभवित लागे छे. एनुं कारण ए छे के जस्टिन १५, ३ मांथी जो कोईपण अनुमान नीकळी शकतं होय तो ते एज छे के चन्द्रगुप्त, पाश्चिमात्य प्रान्तो 86 जीत्यानी पलां जलाक वर्षे मगधनो राजा थयो हतो. जो के तेणे ते समय पहेलां 87 अलेकझान्ड - रने खरेखरी रीते जोयो होय तो पण आ अनुमानने वांधेो आवतो नथी. मेगेस्थिनीज खात्री. पूर्वक इ. स. पूर्व ३०३ - ३०२ मां, पाटलीपुत्रना 88 राजदरबारमां आवेलो हतो तेथी, अने
84. आ कथन उपरथी बिन्दुसारना समयनी गणतरी करी शकाय; तेणे आशरे २९ वर्ष राज्य कर्तुं हतुं एम जणाय छे.
85. ए बात तो खरेखर आश्चर्य पमाडे छे के एक करतां वधारे लेखकोनुं कहेवु छे के Taprobane ना निवासीओ घणा लांबा आयुष्यवाळा हता. सरखावो, उदाहरण तरीके प्लाइनी ( Pliny ) ६, २२ (२४) 86. मि० विन्सेन्ट स्मिथे पोताना प्राचीन इतिहासना पृ० ११५ उपर दर्शावेलो अभिप्राय जो के आथी बिरुद्ध छे, छतां हुं तेने स्वीकारी शकतो नथी. 87. प्लुटार्क, Alex ch. 72
88. Smith, 1. c. p. 118.
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