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અધ્યાપક કવેલ લિખિત - व्या रेभ आख्य नु अङ्क थाय छे. पण =ग्न (?), ज्ञ, म्न, न, ण्य, न्य, ण, ण्व, न्व, भ, रुग्ण, यज्ञ, प्रद्युम्न, प्रसन्न, पुण्य, अन्योन्य, वर्ण, कण्व. अन्वेषणा, २४ रुण्ण जण्ण, पज्जुण्ण, पसपण, पुण्ण, अण्णोण्ण, वण्ण, कण्ण, अण्णेसणा थाय छे. __ण्ह =ण. न. ष्ण, स्न, ण, हम तीक्ष्ण, प्रश्न, विष्णु, प्रस्नुत, पूर्वाण, यदि ने पहले तिण्ह, पण्ह, विण्डु, पण्हुद, पुव्वण्ह, वण्हि थाय छे.
त=क्त, प्त, स्न, त्म, त्र, त्व, ते; भई भक्त, सुप्त, पत्नी, आत्मा, शत्रु, सत्त्व, मुहूर्त २ मह भत्त, सुत्त, पत्ती, अत्ता, सतु, सत्त, मुहुत्त थाय छे. ___त्य-क्थ, त्र,' थे, स्त, स्थाभ सिक्थक, तत्र, पार्थ, हस्त, अवस्था न महसे सित्थअ, तत्थ, पत्थ, हत्थ, अवस्था थाय छे. _=ब्द, (भ? ), द्र, दे, छ; २म 3 शब्द, भद्र, शार्दूल, अद्वैत ने 5 सह, भह, सहूल, अहाअ थाय छे.
दुग्ध, ब्ध, ध, ध्व; म स्निग्ध, लब्ध, अर्ध, अध्वन् , ने पहले सिणिद्ध, लद्ध, अनु, श्रद्धा थाय छे. ___न्द=न्त (शारसेनीमा हाय थाय छे.) २म किन्तु, प्रभावान् 2 महसे किन्दु, पहाववन्दो थाय छ.२
प्प स्प, प्य, प्र, प. ल्प, प्ल, क्मा भई उत्पल, विज्ञप्य, अप्रिय, सपणीय, अल्प, विप्लव, रुक्म न महसे उप्पल, विण्णप्प, अप्पिअ, सप्पणीय, अप्प, विप्पव, रुप्प थाय छे.
प्फत्फ, एफ, (:फ), स्फ, प, स्पोम उत्फुल्ल, निष्फल, स्फुट, पुष्प, शरीरस्पर्श ने महले उप्फुल, णिप्फल्ल, फुड, पुष्फ, सरीरप्फंस थाय छे..
ब्ब= द, ब, ब्रम उद्वन्ध्य, अब्राह्मण्य ने महले उब्बन्धिय, अब्बम्हणम्.
भग्भ, द्भ, भ्य, भ्र, भे; भ प्राग्भार, सद्भाव, अभ्यर्थना, अभ्र, गर्भ ने पहले पब्भार, सम्भाव, अब्भत्थणा, अब्भ, गब्भ थाय छे. ___ मन, एम, न्म, म्य, मे, मा५ रेभ दिङ्मुख. षण्मुख, जन्म, सौम्य, वर्मन् , गुल्म ने दिम्मुह, छम्मुह, जम्म, सोम्म, धम्म, गुम्म थाय छे.
म्ह =प्म, क्षम, स्म, म; लेभ ग्रीष्म, पक्ष्मन् , विस्मय, ब्राह्मण ने महवे गिम्ह, पम्ह, विम्हअ, बम्हण थाय छे.
य्य = , ज, ( भागधी ); रेभ कार्य, दुर्जनः न महले कय्ये, दुय्यणे थाय छे. रि = दृ, ये (आय); म तादृश, चौर्य ने महले तारिस, चोरिअ थाय छे.
१. नेमले त्य माडेसा अव्ययोमा १५राय छ, म एस्थ ( अत्र ), तत्थ ( तत्र ). २. तुमो मायति मनु शाकुं०, ५.१५५ नोट
3. आत्मा नु प्राकृत अप्पा तथा अत्ता में छे. प्प-स्प, स्फ, त सभासभा, रभ चउप्पहो-चतुष्पथः
४. ब्भ-ब, म विन्भल-विह्वल. ५. मिल्लू , भॐ मिलाण=म्लान तुम बेसन, पा. २५८. 4जी, वद्ध, रेभ वारह द्धादश.
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