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ज्ञान- प्रदीपिका ।
और लग्न में
बुध और बृहस्पति पुरुष ग्रह हैं चतुष्पद ग्रह हैं और अन्त में बलवान् होते हैं । तथा जल राशि में ( कर्क मीन बलवान् होते हैं। अस्त यानी सप्तम में बलवान् होते हैं ।
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बलवान् होते हैं । सूर्य और मंगल शुक्र और चन्द्र जलवर है" और चतुर्थ शनि और राहु कीट ग्रह हैं और
युग्मकन्याधनुः कुंभतुला मानुषराशयः ||२२|| अन्त्योदयौ मीनमृगौ अन्ये तत्तत्स्वभावतः ।
मिथुन, कन्या, धनु, कुम्भ और तुला ये मनुष्य राशि हैं। मकर और मीन अन्त्योदय राशि हैं। शेष अपने अपने स्वभाव के अनुसार हैं ।
चतुष्पादौ मेषवृषौ सिंहचापौ भवंति हि ||२३|| कुलीशाली बहुपादौ प्रक्षीणौ मृगमीनभौ । द्विपादाः कुंभमिथुनतुलाकन्या भवंति हि ||२४||
मेष, वृष, सिंह और धनु ये चतुष्पद, कर्क और वृश्चिक ये बहुपाद, मकर और मीन ये क्षोण-पाद तथा कुंभ, मिथुन, तुला और कन्या ये द्विपाद राशि हैं ।
द्विपादा जीववित्शुकाः शन्यर्काराश्चतुष्पदाः । शशिसप बहुपादौ शनिसौम्यौ च पक्षिणौ ॥ २५ ॥ शनिसप जानुगती पद्भ्यां यान्तीतरे ग्रहाः ।
बृहस्पति बुध शुक्र इनकी द्विपद संज्ञा है तथा शनि सूर्य मंगल इन ग्रहों की चतुष्पद संज्ञा कही गई है, चन्द्रमा राहु ये बहुपद तथा शनि बुध ये पक्षिसंज्ञक कहे जाते हैं, शनि और राहु की जानु गति होती है और इन से भिन्न ग्रह पैर से चलते हैं ।
उदीर्यतेऽजवीथ्यां तु चत्वारो वृषभादयः ||२६|| युग्मवीभ्यामुदीर्यन्ते चत्वारो वृश्चिकादयः ।
उक्षवीभ्यामुदीर्यन्ते मीनमेषतुला स्त्रियः ॥ २७ ॥
वृष, मिथुन, कर्क, सिंह ये मेष-वीधी में; वृश्चिक, धन मकर और कुंभ मिथुन- वीथी मैं और मीन, मेष तुला और कन्या, वृष वीथी में कहे गये हैं ।
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