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शाप- प्रदीपिका ।
मंगल के मित्र शुक्र और बुध, शुक्रके बुध, मंगल, शनि और बृहस्पति सूर्य के बृहस्पति, शनि के बुध, बृहस्पति और शुक्र, बुध के मित्र सूर्य को छोड़ कर सभी तथा चन्द्रमा के मित्र वृहस्पति और बुध हैं ।
सिंहस्याधिपतिः सूर्यः कर्कटस्य निशाकरः । मेषवृश्चिकयोर्भीमः कन्यामिथुनयोर्बुधः ॥३॥ धनुमीनयोमंत्री तुलावृषभयोभृगुः । शनिर्मकरकुंभयोश्च राशीनामधिपा इमे ||४||
सिंह राशि का स्वामी सूर्य, कर्क का चन्द्रमा मेष वृष का मंगल, कन्या और मिथुन का बुध, धनु और मीन का बृहस्पति, तुला और वृष का शुक्र, मकर और कुंभ का स्वामी
शनि हैं ।
धनुर्मिथुनपाठीनकन्योक्षाणां शनिः सुहृत् । रविश्चापान्त्ययोरारः तुलायुग्मोक्षयोषिताम् ॥५॥
धनु, मिथुन, मीन, कन्या, वृष राशियों का मित्र शनि हैं। धनु मीन का मित्र रवि है । तुला, मिथुन, वृष और कन्या का मित्र मंगल हैं ।
कोदण्डमीनमिथुनकन्यकानां शशी सुदृत् । बुधस्य चापनकालिकजोक्षतुलाघटाः ||६||
धनु, मीन, मिथुन और कन्या का मित्र चन्द्रमा है । धनु, मकर, वृश्चिक, कर्क मेष, वृष, तुला और कुंभ का मित्र बुध है ।
क्रियामिथुन कोदण्ड कुंभालिमकरा भृगोः । गुरोः कन्या तुला कुंभमिथुनोक्षमृगेश्वराः ॥७॥ राशिमैत्रं ग्रहाणां च मैत्रमेवमुदाहृतम् ।
मेष, मिथुन, धनु, कुंभ बृश्चिक, मकर का मित्र शुक्र तथा कन्या, तुला, कुंभ, मिथुन, वृष, और मकर का मित्र गुरु है । इस प्रकार राशि और ग्रहों की मैत्री बताई गयी हैं ।
सूर्येन्द्रोः परिधैर्जीवा धूमज्ञशनिभोगिनाम् ॥८॥ शक्रचापकुजैणानां शुक्रस्योच्चास्त्वजादयः ।
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