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अध्याय
सोऽनन्तसमयः ॥४०॥
[सः ] वह काल द्रव्य [ अनन्त समय: ] अनन्त समय वाला है। काल की पर्याय यह समय है। यद्यपि वर्तमानकाल एक समयमात्र ही है तथापि भूत-भविष्य की अपेक्षा से उसके अनन्त समय हैं।
It (conventional time) consists of infinite instants.
द्रव्याश्रया निर्गुणा गुणाः ॥ ४१ ॥
[ द्रव्याश्रया] जो द्रव्य के आश्रय से हों और [ निर्गुणा ] स्वयं दूसरे गुणों से रहित हों [ गुणा: ] वे गुण हैं।
Those, which have substance as their substratum and which are not themselves the substratum of other attributes, are qualities.
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तद्भावः परिणामः ॥४२॥
[ तद्भावः ] जो द्रव्य का स्वभाव (निजभाव, निजतत्त्व) है [ परिणाम: ] सो परिणाम है।
The condition (change) of a substance is a mode.
॥ इति तत्त्वार्थाधिगमे मोक्षशास्त्रे पञ्चमोऽध्यायः ॥
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