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अध्याय - ६
अथ षष्ठोऽध्यायः
Influx of Karma
कायवाङ्मनः कर्म योगः ॥१॥
[ कायवाङ्मनः कर्म ] शरीर, वचन और मन के अवलम्बन से आत्मा के प्रदेशों का संकल्प होना सो [ योग: ] योग है।
The action of the body, the organ of speech and the mind is called yoga (activity).
स आस्त्रवः ॥२॥
[सः ] वह योग [ आस्रवः] आस्रव है।
It (this threefold activity) is influx (āsrava).
शुभः पुण्यस्याशुभः पापस्य ॥३॥
[ शुभः] शुभ योग [ पुण्यस्य ] पुण्य कर्म के आस्रव में कारण है और [ अशुभः ] अशुभ योग [ पापस्य ] पाप कर्म के आस्रव में कारण है।
Virtuous activity is the cause of merit (punya) and wicked activity is the cause of demerit (pāpa).
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