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अध्याय - १
तदिन्द्रियानिन्द्रियनिमित्तम् ॥१४॥ [इन्द्रियानिन्द्रिय ] इन्द्रियाँ और मन [ तत् ] उस मतिज्ञान के [निमित्तम् ] निमित्त हैं।
That is caused by the senses and the mind.
अवग्रहेहावायधारणाः ॥१५॥
[अवग्रह ईहा अवाय धारणाः] अवग्रह, ईहा, अवाय, और धारणा यह चार भेद हैं।
(The four divisions of sensory knowledge are) apprehension (sensation), speculation, perceptual judgment, and retention.
बहुबहुविधक्षिप्रानिःसृतानुक्तध्रुवाणां सेतराणाम् ॥१६॥
[बहु] बहुत [ बहुविध ] बहुत प्रकार [ क्षिप्र] जल्दी [अनिःसृत ] अनिःसृत [अनुक्त ] अनुक्त [ ध्रुवाणां] ध्रुव [ सेतराणां] उनसे उल्टे भेदों से युक्त अर्थात् एक, एकविध, अक्षिप्र, निःसृत, उक्त, और अध्रुव, इस प्रकार बारह प्रकार के पदार्थों का अवग्रह ईहादिरूप ज्ञान होता है।
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