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साधु कहने लगे – 'अच्छा होता कि ये सवाल मुझसे न पूछे जाते । खैर जब पूछते ही हो तो सुनो - यह बिल्ली निरन्तर तुम्हारा संग करती है इससे तुममें इसकी आदतें और स्वभाव लगातार आता रहता है । इसलिए तुम अगले जन्म में बिल्ली बनोगे । और बिल्ली बाई, चूँकि तुम सदा कुत्तेके साथ रहती हो और यूँ उसके गुण-दोष ग्रहण करती रहती हो, इसलिए तुम अगले जन्म में कुत्ता बनोगी ।'
वीर
एक बार दो राजपूत नौकरीके लिए बादशाह अकबर के दरबार में गये । अकबरने उनकी खूबियाँ पूछीं । उन्होंने कहा - 'हम वीर हैं ।' बादशाहने पूछा कि तुम्हारी वीरताका सबूत क्या है ? यह सुनते ही दोनोंने म्यानोंसे अपनी-अपनी बिजली-सी तलवारें खींच लीं और उन्हें एक दूसरेके सीनेके पार कर दिया ! और यूँ बादशाहको अपनी वीरताका सबूत दे दिया ।
शान्ति और अशान्ति
एक कमरे के अन्दर हर तरफ़ बहुत-से छोटे-छोटे दर्पण लगे हुए थे 1 उसमें एक कुत्ता घुस आया । हर दर्पण में कुत्ता देख-देखकर भौंकने लगा । और भौंक-भौंककर क्लेश और दुःखसे मर गया ।
उसी कमरे में कभी एक सुन्दर राजकुमार आया । वह हर दर्पण में अपनी मनोहर छबि देख-देखकर आनन्द मनाता रहा ।
दुनिया में बुरा आदमी हर तरफ़ बुराई देखकर
दुखी होता है, अच्छा आदमी हर चीज़ में अच्छाई देखकर सुखी होता है; और अगर वह प्रभुमय है तो हर वस्तुको प्रभुमय देखता है ।
सन्त-विनोद
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